भारत-चीन बॉर्डर पर ग्लेशियर की चपेट में आने से 8 की मौत, सेना ने 384 लोग किए रेस्क्यू, घायलों को जोशीमठ में किया भर्ती

वैली समाचार, देहरादून।

उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ से लगी चीन सीमा पर ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाही हुई है। ग्लेशियर की चपेट में आने से बीआरओ कैम्प के 402 लोग इसकी चपेट में आये। इसमें 7 गंभीर घायल और 10 शव बरामद किए जा चुके हैं। करीब 384 से ज्यादा सेना, बीआरओ की टीम ने रेस्क्यू कर बचा लिए हैं। हादसे की सूचना पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत और विधायक महेंद्र भट्ट के साथ हवाई सर्वे कर स्थिति का जायजा लिया।  साथ ही जोशीमठ में जिला प्रशासन, सेना, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए हैं।

जनपद चमोली के जोशीमठ से 94 किमी आगे भारत-चीन सीमा पर सुमना क्षेत्र में शुक्रवार शाम को ग्लेशियर टूटने की घटना हुई। इस घटना से बॉर्डर रोड के निर्माण में जुटी बीआरओ के मजदूरों का शिविर चपेट में आया। ग्लेशियर से अब तक 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। सेना ने 10 लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। इसकी जद में आए सड़क निर्माण कार्य में जुटे व्यक्तियों को बचाने में सेना का अभियान जारी है। फिलहाल अभी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राहत बचाव के दौरान 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। बताया गया कि बर्फबारी के बीच भी सेना ने रेस्क्यू जारी रखा। घटना सुमना-2 क्यूगाड वैली के निकट हुई। जहां पुल का निर्माण कराया जा रहा था। ग्लेशियर का मलबा आने से शिविर तबाह हो गया था। शिविर में सड़क निर्माण में जुटे मजदूर, मशीन चालक, अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। जिनकी संख्या अभी साफ नहीं है। परंतु सेना का कहना है कि अभी कई लोग लापता होने की सूचना पर रेस्क्यू जारी है। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल के नेतृत्व में टीम रेस्क्यू में जुटी है। उधर, मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने नीति घाटी में मलारी बॉर्डर स्थित सुमना गाँव के निकट ग्लेशियर टूटने पर घटनास्थल के हवाई निरीक्षण किया।  वहां चल रहे रेस्क्यू कार्य की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बताया गया कि सुमना में जहां ग्लेशियर टूटा, वहां बीआरओ के लगभग 402 लेबर काम कर रहे थे, जिनमें से कुल 384 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। 10मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है।जबकि 7 लोग घायल हैं। मौके पर सेना और आईटीबीपी की टीमें तत्परता से राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुटा है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

घायलों को जोशीमठ सेना अस्पताल में किया भर्ती

ग्लेशियर की चपेट में आने से घायल हुए लोगों को सुमना से सेना ने एयरलिफ्ट कर जोशीमठ लाया। जहां सभी को आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया है। सभी खतरे से बाहर बताए गए हैं। सेना ने घायलों का इलाज शुरू कर दिया है।

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