प्राधिकरण समाप्ति पर शहरी विकास मंत्री ने जारी किया शासनादेश, अब ये नियम शर्तें रहेंगी लागू
वैली समाचार, देहरादून।
मुख्यमंत्री तीरथ रावत के फैसले के बाद शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने भी पहले दिन उत्तराखंड में प्राधिकरण को लेकर बड़ा आदेश जारी कर दिया है। अब 2016 के बाद नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में शामिल हुए गांव में नक्शा पास करने की जरूरत नहीं है। इन इलाकों में 2016 तक विद्यामान व्यवस्था के अनुरूप भवन और अन्य निर्माण के नियम लागू होंगे। सरकार के इस आदेश से लाखों परिवार और सैकड़ों गांव को लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड में कुछ समय पहले नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में शामिल हुए गांव और कस्बों को अनिवार्य रूप से भवन निर्माण के लिए नक्शे पास करने की बाध्यता थी। इससे पहाड़ी इलाकों में सीढ़ीदार खेतों में मकान बनाने वालों को प्राधिकरण के कड़े नियमों के चलते घर बनाना महंगा पड़ रहा था। सरकार को शिकायत मिली कि प्राधिकरण के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार पनप रहा है। इस मामले को नए मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने गंभीरता से लिया और अपने पहले फैसलों में प्राधिकरण को समाप्त करने का एलान किया। आज मुख्यमंत्री के इस फैसले पर शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही मंत्री बंशीधर भगत ने पहला जीओ(शासनादेश) जारी कर दिया। मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि 2016 के बाद पंचायत, पालिका और निगम में शामिल हुए गांव, कस्बों पर प्राधिकरण की बाध्यता पूरा तरह खत्म हो गई है। अब सिर्फ 2016 से पहले की व्यवस्था लागू रहेगी। सरकार के निर्णय से लाखों लोगों में खुशी की लहर है।