डीआईजी नीरू गर्ग ने महिलाओं को दिया बड़ा तोहफा, व्हाट्सएप पर शिकायत दर्ज कर मिलेगा न्याय
वैली समाचार, देहरादून।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गढ़वाल रेंज की डीआईजी ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बढाते हुए डीआईजी नीरू गर्ग ने परिक्षेत्रीय कार्यालय में महिलाओं की समस्या/शिकायतों की त्वरित सुनवाई हेतु ‘‘महिला सुरक्षा सेल” स्थापित की है। इस सेल में महिलाओं की समस्याओं को त्वरित गति से निस्तारण किया जाएगा।डीआईजी नीरू गर्ग ने सेल में निम्न शिकायतें दर्ज करने और निस्तारण के निर्देश दिए हैं।
▪ इस सेल में कोई भी *महिला अपनी शिकायत निसंकोच WhatsApp* के माध्यम से घर बैठे दर्ज करा सकती है। इसके लिये *अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर WhatsApp No.7302110210* जारी किया जा रहा है। इस नम्बर पर *शिकायतकर्ता द्वारा अपनी शिकायत मैसेज,फोटो/विडियों के जरिये भेज सकेंगें।
▪ *इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखना और महिलाओं के विरुद्ध भेद-भाव एवं अत्याचारों के कारण आ रही समस्याओं का निराकरण कर महिलाओं को समानता एवं समान भागीदारी प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाने के साथ ही सुरक्षित व भयमुक्त वातावरण प्रदान करना है।*
▪ *शिकायत की सुनवाई हेतु महिला सुरक्षा सेल में निरीक्षक नीलम रावत के नेतृत्व में दक्ष एवं व्यवहार कुशल महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की गयी है, ताकि महिला अपनी शिकायत बिना संकोच दर्ज करा सके।*
▪ *जनपदों में ऐसे मामले जिनमें पीडिता कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं अथवा ऐसे मामले जिनमें परिक्षेत्र कार्यालय से परीक्षणोपरान्त संतोषजनक कार्यवाही नहीं पायी जाती है, उनमें भी संज्ञान लिया जायेगा। यदि परिक्षेत्रार्न्तगत जनपद प्रभारी किसी विशिष्ट मामले को उक्त सेल को कार्यवाही हेतु स्थानान्तरित करना चाहें, तो रेंज प्रभारी की सहमति से कर सकते हैं।*
▪ इसके अतिरिक्त *बाल अपराध एवं सीनियर सीटिजन सम्बन्धी शिकायतों का भी उक्त सेल द्वारा निराकरण किया जायेगा।* सेल परिक्षेत्रार्न्तगत *महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों एवं बाल सम्बन्धी अपराधों का प्रभावी पर्यवेक्षण करेगा।* जनपदीय महिला काउंसिलिंग सेल की काउंसिलिंग प्रक्रिया एवं *थानों पर स्थापित महिला हेल्पडेस्क* को *Streamline* करना भी *प्रमुख प्राथमिकता है। इससे थानास्तर पर सहज व सुलभ तरीके से महिलाओं को और अधिक प्रभावी सहायता एवं सुरक्षा मुहैया करायी जा सकेगी।