योग पूरे विश्व को भारत द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार

– ऋषिकेश में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का हुआ समापन

-पूरे विश्व को भारत द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार है योग: राज्यपाल

-योग की शक्ति से ही हम भारत को विश्व गुरु बना सकते हैं: महाराज

वैली समाचार, ऋषिकेश।

गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 1 मार्च से शुरू हुए योग महोत्सव का आज योग को दैनिक जीवन एवं लोक व्यवहार में अपनाने के संकल्प के साथ समापन हो गया। समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा कि योग का मतलब जोड़ना है। योग पूरे विश्व को भारत द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को समूचे विश्व में एक नई पहचान दी है। राज्यपाल ने कहा कि युवाआओं को योग को आत्मसात करना चाहिए तभी हम विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। उन्होने कहा कि योग एक साधना ही नहीं वरन एक संस्कृति है, जो कि ऋषि मुनियों ने कठिन तप से प्राप्त की है।

कार्यक्रम में प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा की योग की शक्ति से ही हम भारत को विश्व गुरु बना सकते हैं। आज विश्व में फैल रही तमाम वैश्विक बीमारियों से हमें योग ही बचा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कोविड-19 से लड़ने में योग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्री महाराज ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज योग अंतर्रराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित हुआ है। भारत वर्ष ऋषिमुनियों मनीषियों की भूमि है। यहां से योग जैसी विधा का जन्म हुआ जो कि तन मन को स्वस्थ रखती है तथा आत्मा को परमात्मा से मिलाती है‌। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से योग ने सबकी रक्षा की। उन्होने योग के प्रचार-प्रसार हेतु गढवाल मंडल विकास निगम द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। समापन समारोह में उपस्थित वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि योग अब देव भूमि उत्तराखंड से पूरी दुनिया में आम लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम देशों ने भी योग के महत्व को स्वीकार करते हुए योग को अपनाएं है यही वजह है कि 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मनाती है। योग महोत्सव में उपस्थित विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश योग की धरती है और यहां से बहती भी गंगा की तरह योग पूरी दुनिया में प्रवाहित हो रहा है। इस मौके पर विभिन्न देशों से आए उच्चायुक्तों ने भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। जिसमें बोसनिंयां के उच्चायुक्त मोहम्मद शिनजिक, नॉर्थ मेसोडोनिया के राजदूत नेहथ ईमिनी, फिजी के उच्चायुक्त कमलेश शशि प्रकाश एवं त्रिडाड एंड टैबगो के राजदूत डॉ. रोजर गोपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

 

सप्ताह तक चला फेस्टिवल

एक सप्ताह तक चले इंटरनेशनल योग फेस्टेवल में देश-विदेश के सैकड़ों साधकों, योग प्रेमियों ने शिरकत करने के साथ-साथ योग की विभिन्न मुद्राओं, आसनों, प्राणायाम, ध्यान, आहार- विहार जीवनचर्या परिष्कृत करने पर जोर दिया गया। योग महोत्सव में योग गुरू राम देव, रविशंकर, योगमाता शिवानी आदि ने भी आनलाईन योग फैस्टेवल में भागीदारी की। इस दौरान योग से जुड़े आचार्य बालकृष्णन, पीठेधीश्वर स्वामी नरेन्द्र गिरी, योग माता उषा, जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक डा.आशीष चौहान, जिलाधिकारी ईवा आशीष एवं कई योग प्रशिक्षकों, साधकों

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