बॉलीवुड फ़िल्म स्पेशल-26 की तर्ज पर नौकरी दिलाने वाले गैंग का भंडाफोड़
-उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तरप्रदेश में नौकरी दिलाने वाले गैंग का किया भंडाफोड़
-सरकारी अस्पताल में मेडिकल, दिल्ली में इंटरव्यू, यूपी में ट्रेनिंग और सरकारी पहचान पत्र
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड एसटीएफ ने बॉलीवुड फ़िल्म*स्पेशल 26* की तर्ज अपराध करने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। फ़िल्म में जहां असली सीबीआई के नाम पर फर्जी सीबीआई बनकर करोड़ो लूटने की कहानी है, वहीं एसटीएफ द्वारा पकड़े गए गैंग ने भी असली सरकारी सिस्टम की आड़ में बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी की है। पकड़े गए गैंग से एसटीएफ पूछताछ कर रही है। इस गैंग के तार सरकार लोगों तक जुड़े होने का भी अंदेशा जताया जा रहा है।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राज्य के कुछ युवाओं से उत्तरप्रदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी की शिकायत मिली थी। एसटीएफ ने जांच की तो पूरी कहानी भारतीय बॉलीवुड की फ़िल्म स्पेशल-26 जैसी निकली। एसटीएफ के अनुसार हिंदी मूवी की तर्ज़ पर नौजवान युवको को दस-दस लाख लेकर उत्तरप्रदेश में नौकरी दिलाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया गया। इस ठगी की स्क्रिप्ट में भी फॉर्म भरने से लेकर नौकरी का जॉइनिंग लैटर तक फिल्मी अंदाज में जारी किया गया। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि गैंग ने नौकरी दिलाने के लिए सरकारी विभागों की तर्ज पर फार्म भराये गए। इसी तरह देश के प्रतिश्ठित हॉस्पिटल में मेडिकल, दिल्ली में इंटरव्यू, गोरखपुर उत्तर प्रदेश में ट्रेनिंग, फ़र्ज़ी सरकारी मेल से जॉइनिंग लेटर, सरकारी पहचान पत्र जारी किया गया। यही नहीं गैंग ने पुलिस द्वारा करैक्टर वेरिफिकेशन का पत्र भी लगाया गया। इस अंतरराज्यीय गैंग का अभी एक सदस्य गिरफ्तार किया है। इससे अभी पूछताछ की जा रही है। जल्द इस गैंग की पूरी कहानी आप तक पहुंचाई जाएगी। अधिक जानकारी के लिए लॉगिन करें www. valleysamachar. com
बेरोजगार युवक/युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
बढ़ते साईबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है । इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा आम जनता व बेरोजगार युवक/यवतियों से “नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी” करने की शिकायत प्राप्त होने पर प्रभारी एसटीएफ द्वारा गोपनीय जांच भी करवायी जा रही थी ।
इसी क्रम में एक प्रकरण साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था जिसमें देहरादून निवासी एक व्यक्ति के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुयी थी जिसमें शिकायतकर्ता की पहचान उनके मित्र द्वारा अपने भाई एवं उसके दोस्त से करवायी जिनके द्वारा शिकायतकर्ता को *Food Corporation of India (FCI)* विभाग में 10 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की बात कही गयी। जिस पर विश्वास करते हुये शिकायतकर्ता द्वारा अपने परिचितो एवं रिश्तेदारो से धनराशि की व्यवस्था कर PhonePe एप व चैको व कुछ नगद के माध्यम से 10 लाख रुपये अभियुक्तगणो के बैंक खातो में डाली गयी । अभियुक्तगणो द्वारा शिकायतकर्ता को विश्वास मे लेने हेतु पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाया जिससे पीडित बेरोजगारो को विश्वास हो जाये की उनकी नौकरी वास्तव मे लग गयी है, इसके उपरान्त उसे FCI का आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर भी दिया गया और उसका फर्जी तरीके से प्रशिक्षण भी गोरखपुर उप्र मे करवाया गया, बाद मे जब ज्वाइनिंग लैटर मे अंकित तिथि को शिकायतकर्ता द्वारा अभियुक्तो से फोन किया तो उन्होने फोन नही उठाया, इस पर शक होने पर जब शिकायतकर्ता द्वारा Food Corporation of India (FCI) विभाग देहरादून मे जाकर आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर के सम्बन्ध में पता किया तो फर्जी पाये गये। शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 03/21 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साईबर थाने के निरीक्षक त्रिभुवन सिंह रौतेला के सुपूर्द की गयी ।
पौड़ी का रहने वाला आरोपी गिरफ्तार
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि दौराने विवेचना प्रकाश मे आये अभियुक्त विकास चन्द्र निवासी पौड़ी को एसटीएफ टीम द्वारा पूछताछ के क्रम में विवेचक के समक्ष उपस्थित किया गया जिसके द्वारा बताया गया कि वह और उसके अन्य साथी मिलकर देश के विभिन्न राज्यो में जब भी प्रमुख संस्थाये जैसे FCI, Railway, AIIMS आदि मे सरकार द्वारा रोजगार सम्बन्धी विज्ञप्ति समाचार पत्रो आदि मे जारी की जाती है तो हम लोग बेरोजगार युवक युवतियों से सम्पर्क कर उनको FCI, Railway, AIIMS आदि में नौकरी लगाये जाने का प्रलोभन देकर उनसे लाखो रुपये प्राप्त करते है व अभ्यर्थियो को शक न हो इसके लिये उनकी फर्जी ट्रेनिगं, पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल व इंटरव्यू आदि भी करवाते है और सम्बन्धित विभागो की फर्जी ई-मेल आईडी से उन्हे मैसेज करते है। फर्जी आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर डाक के माध्यम से व व्यक्तिगत रुप से देते है।जिसमे अब तक लाखो रुपये मेरे और मेरे सहयोगियों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त किये गये है।
अभियुक्त द्वारा बताये गये विभिन्न बैंक खातो को फ्रीज कराया गया है व उनकी जांच की जा रही है । प्रकरण में प्रकाश में आये अन्य अभियुक्तो की तलाश की जा रही है । उत्तराखण्ड राज्य के साथ ही अन्य राज्यो से इस प्रकार की धोखाधड़ी से सम्बन्धित प्रकरणो व पीड़ितो की जानकारी प्राप्त की जा रही है । अभियुक्त विकास चन्द्र को अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट के अन्तर्गत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है ।
अपराध का तरीका-
अभियुक्तगणो द्वारा बेरोजगार लड़के व लडकियों को FCI, Railway, AIIMS आदि मे नौकरी लगाने के नाम पर उनसे लाखो रुपये अपने अपने बैंक खातो मे प्राप्त करना व कई बार नौकरी मांगने वालो बेरोजगार युवको के खातो मे पैसे मंगवाकर फिर स्वंय उस पैसे को ले लेना। बेरोजगार लडके लडकियो का *लखनऊ, गोरखपुर, दिल्ली* आदि जगहो पर फर्जी तरीके से पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल, training, Interview कराना और उन्हे फर्जी Joining letter, पहचान पत्र देना, व सरकारी विभागो की फर्जी ईमेल आईडी बनाकर बेरोजगार युवक/युवतियों को उस ई-मेल आईडी से नौकरी के सम्बन्ध मे मेल करना।
गिरफ्तार अभियुक्तगण-
1- विकास चन्द्रा पुत्र स्व जगपाल बाला सुन्दरी मन्दिर आईटी पार्क सहस्त्रधारा देहरादून व स्थाई पता ग्राम कान्डेई पोआ चाखीसेण तहसील चाखीसेण पटटी कण्डारस्यूं जिला पौड़ी गढ़वाल ।
पुलिस टीम-
निरीक्षक त्रिभुवन सिंह रौतेला,-उनि उमेश कुमार (एसटीएफ),हेका प्रो हितेश कुमार (एसटीएफ), कानि विरेन्द्र नौटियाल (एसटीएफ), कानि अनूप भाटी (एसटीएफ)।
एसटीएफ ने की ये अपील
प्रभारी एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि नौकरी दिलाने वाले व्यक्तियो के बहकावे मे न आये । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून से सम्पर्क करें।