देशभर में फ़ोटो वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध स्वामी सुंदरानंद का निधन, अपने नाम दर्ज कराई ये उपलब्धि
-देहरादून के अर्चना लुथरा अस्पताल में ली अंतिम सांस, गंगोत्री में होगी समाधि
-कोरोना से जंग जीती, लेकिन सांस लेने में दिक्कत आने से हार गई जिंदगी
वैली समाचार, देहरादून।
देश और दुनिया मे फोटोवाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध स्वामी सुंदरानंद का 96 साल की उम्र में निधन हो गया। बाबा ने कुछ समय पहले कोरोना से भी जंग जीत ली थी, लेकिन दोबारा सांस लेने में दिक्कत होने पर शरीर मौत से हार गया। देहरादून के प्रसिद्ध डॉक्टर अर्चना लुथरा के अस्पताल में स्वामी ने अंतिम सांस ली। उनके निधन से देशभर में रह रहे उनके भक्तों और जानने वालों में शोक की लहर है।
(गंगोत्री में बाबा सुंदरानंद का आश्रम)
गंगोत्री धाम में करीब सात दशकों से एक संत के साथ उच्च हिमालय में ट्रेकिंग के विशेषज्ञ, दुर्लभ फोटो खींचने वाले बाबा स्वामी सुंदरानंद अब हमेशा के लिए चले गए हैं। अपनी खींची तस्वीरों के जरिए गंगा व हिमालय का संरक्षण करने का प्रयास कर रहे बाबा को देश दुनिया में फोटो बाबा के नाम से जानने लगे थे। पिछले साल बाबा ने गंगोत्री में यूरोपीय शैली की एक फोटो आर्ट गैलरी का भी निर्माण करा बड़ी उपलब्धि दर्ज कराई है।
(भक्तों के साथ चर्चा करते बाबा-फ़ाइल फ़ोटो)
गंगोत्री में शीतकालीन बंदी के चलते बाबा लम्बे समय से देहरादून के प्रसिद्ध डॉक्टर अशोक लुथरा और अर्चना लुथरा के सुद्दोवाला स्थित आश्रम में रह रहे थे। कुछ माह पूर्व बाबा को कोरोना हुआ था, लेकिन हिमालय की जड़ीबूटी और 96 साल की उम्र में भी बाबा स्वयं अपने खानपान पर ध्यान देते थे। इससे कोरोना से बाबा पूरी तरह ठीक हो गए थे। लम्बे समय से सांस की बीमारी ठंड बढ़ने से बढ़ती गई। इससे बाबा मौत को मात नहीं दे पाए। बुधवार रात 10:19 बजे बाबा ने अंतिम सांस ली और परलोक वास चले गए। बाबा के करीबी आमोद पंवार ने बताया कि देहरादून से बाबा का पार्थिव शरीर गंगोत्री ले जाया जा रहा है। जहां पार्थिव शरीर को समाधि दी जाएगी। ग
आंध्रप्रदेश में जन्मे उत्तराखंड को बनाया तप और कर्मभूमि
आंध्रप्रदेश के अनंतपुरम जिले में जन्मे 96 वर्षीय स्वामी सुंदरानंद वर्ष 1948 में पहली बार गंगोत्री आए थे। गोमुख की दिव्यता से अभिभूत होकर उन्होंने स्वामी तपोवन महाराज के साथ ही गंगोत्री में रहने का निर्णय लिया।उन्होंने अपना पहला कैमरा लेने के साथ ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। करीब सात दशक तक हिमालय क्षेत्र का भ्रमण कर उन्होंने लाखों तस्वीरें खींची। साथ ही अमेरिका व यूरोप के कई देशों में अपनी तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई।
2019 में बनाई भव्य अंतरराष्ट्रीय गैलरी
सितंबर 2019 में बाबा ने गंगोत्री में ‘तपोवनम् हिरण्यगर्भ कलादीर्घा’ आर्ट गैलरी का निर्माण भी कराया। स्वामी सुंदरानंद की साधना को दिखाने के लिए बीबीसी व डिस्कवरी चैनल ने उनके जीवन पर डाक्यूमेंट्री भी बनाई है। इस गैलरी के संचालन को एक ट्रस्ट बनाया गया है। एनआईएम के प्रधानचार्य रहे कर्नल अजय कोठियाल, डॉक्टर अशोक लुथरा समेत कई नामी लोग इस ट्रस्ट में शामिल हैं।
पीएम ने किया पुस्तक का विमोचन
बाबा की तस्वीरों व अनुभव पर एक पुस्तक ‘हिमालय थ्रू द लेंस ऑफ ए साधु’ भी प्रकाशित हो चुकी है। स्वामी सुंदरानंद की इस पुस्तक को पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकार्पण कर खूब प्रशंसा की थी। इस पुस्तक में वर्ष 1948 में गोमुख ग्लेशियर से लेकर ऊं पर्वत, कालिंदीपास, 100 से ज्यादा नामचीन पर्वत और दुर्लभ फ़ोटो खींचे हैं। इसके अलावा स्वामी ने लाखों की संख्या में फ़ोटो खींचे हैं।