कोरोना काल में वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर अमोघ नारायण ने निभाई जिम्मेदारी, डीआईजी ने किया सम्मानित
–वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर किया जनजागरूक
वैली समाचार, देहरादून।
कोरोना काल में कोरोना वायरस के बचाव को लेकर फ्रंटलाइन में बड़े ही नहीं बल्कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने भी अहम भूमिका निभाई है। कुछ ऐसा ही कार्य देहरादून के एशियन स्कूल के 11वीं के छात्र अमोघ नारायण मीणा ने भी वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कोरोना को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाया। अमोघ के अच्छे कार्य पर देहरादून के डीआईजी/एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से शुरु हुए लॉक डाउन ने हर किसी को घर में कैद कर दिया था। पुलिस, समाज सेवी, एनजीओ समेत अन्य लोगों की मदद को आगे आये। इस विश्वव्यापी आपदा में फंसे लोगों की मदद को लोग खुलकर आये। सबके सामने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना सबसे चुनौती थी। इस दौरान जन जागरूकता ही इसका उपाय था। किंतु सोशल डिस्टेंसिंग, लॉक डाउन में बाहर जाने की पाबंदी इसमें रोड डाल रही थी। लेकिन बड़ों केे साथ स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने फ्रेंड सर्किल, सोशल मीडिया और जागरूकता के आधुुुनिक मंच पर अहम जिम्मेदारी निभाने में पीछे नहीं रहे। ऐसा ही एक नाम अमोघ नारायण मीणा भी है।मूल रूप से प्रेमनगर के रहने वाले मेधावी छात्र अमोघ नारायण मीणा ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया। अमोघ कहते हैं कि कोरोना बीमारी जागरूकता ही बचाव थी। ऐसे में उन्होंने लोगों को जागरूक कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। बचपन से ही आमोग पर्यावरण, वाइल्डलाइफ, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ चलने वाले कार्यक्रमों में शिरकत करते आ रहा है। जल, जंगल, पर्यावरण जैसे मुद्दों को लेकर भी अमोघ बेहद संवेदनशील रहते हैं। इन विषयों को लेकर अमोघ ने कई मंच पर कम उम्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सीबीएसई दसवीं बोर्ड में अमोघ ने अच्छे अंक और स्थान अर्जित कर प्रतिभा का लोहा मनवाया।
डीआईजी ने दी शुभकामनाएं
देहरादून के डीआईजी/ एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कोरोना काल में अमोघ नारायण मीणा के जनजागरूकता अभियान की तारीफ की। कहा कि स्कूली बच्चों में इस तरह की सोच जिम्मेदार नागरिक बनाती है। उन्होंने स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को आमोग से प्रेरणा लेने को कहा। ताकि देश की तरक्की में सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।