रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा उत्तराखंड, प्रेमनगर में रेशम बीजागार भवन
वैली समाचार, देहरादून।
कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य जल्द रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा। इसके लिए प्रेमनगर में केंद्रीय रेशम बोर्ड ( भारत सरकार ) के सहयोग से ” रेशम बीजागार भवन ” का लोकार्पण किया गया। इस भवन से अब रेशम काश्तकारों को आसानी से रेशम कीटाण्ड उपलब्ध हो सकेगा।
कृषि, उद्यान एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखण्ड रेशम निदेशालय के प्रेमनगर देहरादून परिसर में केन्द्रीय रेशम बोर्ड ( भारत सरकार ) के सहयोग से निर्मित ” रेशम बीजागार भवन ” का उद्घाटन किया गया । कहा कि रेशम बीजागार के निर्माण से प्रदेश के कृषकों को प्रदेश में उत्पादित रेशम कीटाण्ड उपलब्ध हो पायेगा एंव रेशम कीटाण्ड आपूर्ति में राज्य आत्मनिर्भर बनेगा । प्रदेश में शहतूती रेशम विकास में यह एक मील का पत्थर साबित होगा । अब तक राज्य , रेशम कीटाण्ड केन्द्रीय रेशम बोर्ड , भारत सरकार से प्राप्त करता है । आगामी वर्षों में राज्य रेशम विभाग सालाना दो से ढाई लाख डीएमएल का उत्पादन करने लगेगा। इससे वार्षिक रूप से रूपये 15-20 लाख के राजस्व की बचत होगी। साथ ही स्थानीय व उच्च गुणवत्ता का रोगमुक्त रेशम कीटाण्ड कृषकों को उपलब्ध हो पायेगा। इस प्रकार आगामी वर्षों में प्रतिवर्ष रेशम विभाग राज्य में उत्पादित रेशम कीटाण्ड की मात्रा में वृद्धि कर आत्म भरता की ओर अग्रसर होगा ।
इस अवसर पर ” रेशम प्रसार पुस्तिका ” एवं ” रेशम बीजागार तकनीकी पुस्तिका ” का विमोचन भी किया गया । कार्यक्रम के दौरान निदेशक , रेशम विभाग एके यादव द्वारा रेशम विभाग की प्रगति एवं रेशम बीजागार के निर्माण से होने वाले लाभ की जानकारी साझा की गयी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्अजीत चौधरी अध्यक्ष ( राज्यमंत्री स्तर ), उत्तराखण्ड रेशम को – आपरेटिव फैडरेशन एके यादव , निदेशक रेशम व डॉ वीपी गुप्ता, वैज्ञानिक – डी केन्द्रीय रेशम बोर्ड व विभागीय अधिकारी / कर्मचारी उपस्थित रहे ।