गुंजी, मलारी और त्यूणी की सूचनाएं हरपल मिलेगी अपडेट, एसडीआरएफ के सेटेलाइट सिस्टम का शुभारंभ
-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया आधुनिक सूचना प्रणाली का शुभारंभ
-संचार से अछूते इलाकों में आधुनिक सूचना प्रणाली से आपदा में मिलेगी मदद
-एनडीआरएफ और मिलिट्री के बाद अब एसडीआरएफ के पास क्यूडीए
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड एसडीआरएफ आपदा से निपटने में लगातार आधुनिक तकनीक से जुड़ रही है। देश में एनडीआरएफ और मिलिट्री फोर्सेज के बाद एसडीआरएफ देश का पहला राज्य बन गया जो क्यूडीए (क्विक डिप्लॉयबल एंटेना) जैसी आधुनिक तकनीक से जुड़ गई गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने क्यूडीए सिस्टम का शुभारंभ किया। कहा कि अब राज्य में आपदा से जुड़ी सूचनाएं अपडेट और समय पर ठेठ गुंजी, मलारी और त्यूणी जैसे दुर्गम इलाकों से मिल सकेगी। इसके साथ ही एसडीआरएफ को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड के दुर्गम एवं सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एसडीआरएफ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आपदा में एसडीआरएफ देवदूत के रूप में खड़े हैं। इस कड़ी में पूर्व में राज्य आपदा प्रतिवादन बल ने राज्य के सभी जनपदों में संचार की दृष्टि से कमजोर क्षेत्रों में 248 सेटेलाइट फोन वितरित किये थे। उपरोक्त कार्य को गति और व्यापकता देते हुए नवीनतम टेक्नोलॉजी क्यूडीए (QDA- quick deployable antenna) से जोड़ने की योजना बनाई थी। कुछ समय पहले एसडीआरएफ ने यह आधुनिक तक तकनीकी क्रय कर राज्य में स्थापित की।उत्तराखंड देश में प्रथम राज्य है जो इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा है। वर्तमान में देश में एनडीआरएफ और पैरामिलेट्री फोर्सेस ही क्यूडीए (QDA) का उपयोग कर रहे है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज SDMA देहरादून कन्ट्रोल रूम से प्रदेश के मलारी ( चमोली) ,गुंजी (पिथौरागढ़ ) और त्यूणी ( देहरादून) क्षेत्र के प्रधान और ग्रामवासियों से QDA से सम्पर्क स्थापित कर प्रणाली का उत्तराखण्ड में शुभारंभ किया।, मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी भी प्राप्त की।कहा कि सूचना क्रांति के इस युग मे उत्तराखंड अब पहला राज्य हो गया, जिसके पास दुर्गम इलाकों की सूचना भी हरपल अपडेट रहेगी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार की प्रणाली उत्तराखंड में किसी भी आपदा रूपी संकट के दौरान संजीवनी स्वरूप है, जिसके दूरगामी परिणाम अत्यंत सुखद और लाभकारी होंगे। इस दौरान सभी ग्रामवासियों ने क्षेत्र को डिजिटल प्रणाली से जोड़ने और पूर्व में सेटेलाइट फोन दिए जाने पर आभार जताया है।
इनसे किया संपर्क
क्यूडीए से सम्पर्क के दौरान मलारी से मंगल सिंह राणा (प्रधान मलारी), शेर सिंह राणा, बच्चन सिह राणा, गुंजी से लक्ष्मी, मानवती देवी, संतोष सिंह औऱ त्यूणी से मातवर सिह चौहान, गोविंद शर्मा , अंजली गुसाईं, ममता (आशकार्यकर्ती ) एवमं अन्य से ग्रामीणों से जानकारी हासिल की।
क्या होता है क्यूडीए(QDA quick deployable antenna)
क्यूडीए एक प्रकार से नो सिंगल एरिया से संचार स्थापित करने की महत्तम औऱ नवीनतम टेक्नोलॉजी है। इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2mtr QDA (V-SAT ) एंटीना टर्मिनलों और 1.2mtr स्टेटिक ( V-SAT very small aperture terminal) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है । यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता हैं, वॉयस और वीडियो संचार को दूरस्थ से दूरस्थ वीसैट टर्मिनलों तक संप्रेषित किया जाता है। *1.2 mtr क्यूडीए वीएसएटी एक पोर्टेबल सिस्टम है जो अलग-अलग remote areas में तुरंत स्थापित किया जा सकता है सकता है और किसी भी इलाके में स्थापित हो सकता है।
कहीं भी कर सकते संपर्क
साधारण तौर पर हम यह कह सकते है कि यह टेक्नोलॉजी किसी ऐसे क्षेत्र जहां किसी प्रकार का संचार का साधन नही है, उपयोग करने पर तत्काल सेटेलाइट से सम्पर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो और वीडियो कॉल की सुविधा देता है।
QDA स्टैटिक और मोबाइल दो प्रकार का होता है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए किसी भी आपदा के दौरान स्टेटिक Q.D.A को SDRF वाहिनी मुख्यालय जोलीग्रांट, SDMA देहरादून अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थान में स्थापित किया जा सकेगा। मोबाइल Q.D.A को तत्काल हेलीकॉप्टर की सहायता से सम्बंधित क्षेत्रो में भेजकर स्थापित किया जाएगा। जहां से आपदा के दौरान आपदा ग्रस्त क्षेत्र की स्थिति एवं नुकसान की जानकारी तत्काल प्राप्त हो सकेगी। साथ ही बचाव हेतु सशक्त योजना के अनेक विकल्प प्राप्त हो सकेंगे। उपरोक्त प्रणाली प्रदेश के लिए किसी भी आपदा के दौरान मानव क्षति न्यूनीकरण की दिशा में एक मजबूत एवमं विश्वस्त साथी का कार्य करेगी।
शुभारंभ पर ये रहे मौजूद
इस दौरान नितेश झा सचिव गृह, एसए मुरुगेशन सचिव आपदा, SDRF महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, SDRF सेनानायक तृप्ति भट्ट, SDRF सहायक सेनानायक कमल सिंह पंवार और सहायक सेनानायक अनिल शर्मा, पीयूष रौतेला अधिशासी निदेशक USDMA, मनीष कनोजिया उपनिरीक्षक संचार SDRF , प्रवीण आलोक उपनिरीक्षक SDRF और अन्य लोग उपस्थित थे।