मुख्यमंत्री और ऊर्जा सचिव के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, इस तरह नौकरी का दे रहा था झांसा
-डीजी लॉ एंड ऑर्डर के संज्ञान के बाद एसटीएफ ने की जांच, गोपेश्वर पुलिस ने की गिरफ्तारी
-गिरफ्तार सरगना से पुलिस कर रही कड़ी पूछताछ, कुछ और लोगों की संलिप्तता आई सामने
-बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर कर रहा था ठगी, कुछ और की तलाश
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और ऊर्जा सचिव के नाम का उपयोग कर नौकरी का झांसा देने वाले ठग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी बेरोजगार युवाओं से ठगी कर मोटी रकम ऐंठ रहा था। इस मामले में पुलिस पूरे गिरोह की तलाश में जुट गई है। कुछ और लोगों की संलिप्तता प्रकरण में सामने आई है। पुलिस उन पर भी गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सकती है।
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में आया कि कुछ लोग मुख्यमंत्री और ऊर्जा सचिव के नाम का उपयोग कर बेरोजगारों को नौकरी का झांसा दे रहे हैं। “डीजी एलओ अशोक कुमार ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे नौकरी पाने के शार्टकट रास्ते में जाने से बचें। यदि उनके पास नौकरी दिलाने के नाम पर पैसों की मांग करने संबधी फोन आते हैं तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें। ऐसे ही नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवकों को रूपये ठगने वाले गिरोह के सरगना अभियुक्त मौहम्मद यासीन को कल चमोली पुलिस ने मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
यह था पूरा मामला
मुख्यमंत्री कार्यालय से सूचना प्राप्त हुई कि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड और ऊर्जा सचिव के नाम पर चमोली के गोपेश्वर निवासी गणेश ध्यानी से नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी हुई है। इस प्रकरण को संज्ञान लेते हुए डीजी लॉ एंड आर्डर ने उक्त प्रकरण की एसटीएफ से जांच करायी गयी। जांच में तथ्य सही पाये जाने पर थाना गोपेश्वर में तुरंत मुकदमा पंजीकृत कराया गया। तकनीकी सहायता से अभियुक्त मौहम्मद यासीन को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया।
नौकरी के नाम पर 45 हजार की हुई थी ठगी
दरअसल चमोली के गोपेश्वर निवासी गणेश ध्यानी को 19 सितम्बर को एक अनजान नम्बर से फोन आया। वह संजय त्यागी उत्तराखंड ऊर्जा सचिव बोल रहा है। उसने बताया कि आपकी नौकरी के लिए उसको मुख्यमंत्री जी के यहां से कहा गया है और पांच मिनट के अंदर सचिवालय आने को कहा। गणेश ध्यानी ने जब कहा कि वह अभी गोपेश्वर में है और कोई देहरादून में उसका कोई जानने वाला भी नहीं है, जिसे वह सचिवालय भेज सके। इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि वह अपने पेशकार से कहकर उसका काम करवाता हूँ। उसने अपने पेशकार का नाम अमित कुमार बताते हुए डाॅक्यूमेन्ट तैयार करने के नाम पर गणेश ध्यानी से अलग अलग किस्तों में कुल 45,000 रुपये ले लिए और कहा कि डीएम आफिस में चले जाओ वही पर आपका नौकरी का लेटर आएगा। वहां जाने पर गणेश को इस ठगी का पता चला।