मुख्यमंत्री की दो टूक जनहित के कामों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, भ्रष्टाचारी और निकम्मे अफसरों पर निशाना

-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज़ीरो टॉलरेंस पर बड़ा बयान

-उत्तराखंड के दो पूर्व विवादित एमडी के खिलाफ जांच के दिए निर्देश

-सचिवालय और मुख्यालय में फ़ाइल दबाने वालों का आज होगा हिसाब-किताब

वैली समाचार, देहरादून। 

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त एजेंडे पर काम कर रही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने निकम्मे और भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों को फिर निशाने पर लिया है। मुख्यमंत्री रावत ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि जनहित के कार्यों में लापरवाही और मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। निकम्मे और भ्रष्टाचारी अधिकारी स्वयं अपनी जगह तलाश लें। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने राज्य में भ्रष्टाचार के आरोपों से चर्चित रहे दो पूर्व एमडी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।

राज्य की त्रिवेंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। सरकार ने अपने कार्यकाल में कई आइएएस, पीसीएस समेत अन्य सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर बड़ी कार्रवाई की है। अब फिर से मुख्यमंत्री रावत ने राज्य में भ्रष्टाचार और मनमानी में उतरे अफसरों को फिर नसीहत देते हुए कहा कि जनता के काम अधिकारियों के लिए सर्वोपरि है। जनहित के काम में लापरवाही कतई भी माफ नहीं की जाएगी। इधर, मुख्यमंत्री ने सचिवालय, विधानसभा और विभागों के मुख्यालयों में लम्बे समय तक मामले लटकाए रखना, फाइलें दबाने पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए आज सचिवालय में फाइलों का पूरा हिसाब किताब पूछा जाएगा। मुख्यमंत्री के इस बयान से भ्रष्टाचार और मनमानी में लिप्त अधिकारियों में हड़कंप मचा है।

 

ऊर्जा और पेयजल के एमडी चर्चा में 

मुख्यमंत्री ने जिन दो एमडी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं, उनमें एक ऊर्जा और दूसरा पेयजल से जुड़ा है। यह दोनों अफसर अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार को लेकर चर्चाओं में रहे। यदि इनके खिलाफ निष्पक्ष जांच हुई तो बड़े घपले और घोटाले सामने आ सकते हैं।

 

 

इन दफ्तरों में भी दबी रहती फाइलों 

राज्य में सबसे ज्यादा दिक्कतें लोगों को प्रमाण पत्र बनाने तथा छोटी छोटी शिकायत दर्ज कराने में होती है। इनमें ज्यादातर शिकायतें डीएम स्तर पर हल की जा सकती है। लेकिन कुछ मामले डीएम दफ्तर तो कुछ सम्बंधित विभागों की फाइलों में अटके रहते हैं। सरकार को इस तरह के मामलों पर भी ध्यान देना होगा। ताकि जनता को जल्द से जल्द सुलभ और सरल तरीकों से न्याय मिल सके।

 

 

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