उत्तराखंड पुलिस में प्रमोशन से पहले 156 दारोगाओं की ज्येष्ठता सूची जारी, 89 बनेंगे इंस्पेक्टर

-2014 से प्रमोशन की राह देख रहे दारोगाओं के लिए अच्छी खबर, जल्द इंतजार होगा खत्म

-सत्र 1990 से 2008 तक सीधी भर्ती और रैंकर से दारोग बनने वालों को मिलेगा लाभ

-पीएचक्यू ने प्रमोशन से पहले सभी जनपदों से मांगी दारोगाओं की विस्तृत डिटेल्स

वैली समाचार, देहरादून

पुलिस मुख्यालय ने उत्तराखंड के 156 दारोगाओं की वरिष्ठता सूची जारी कर दी है। अब 2014 से प्रमोशन की राह देख रहे दारोगा इंस्पेक्टर बन सकेंगे। हालांकि सूची में शामिल दारोगाओं को पीटीसी(पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज) में प्रशिक्षण के दौरान मिले अंक, ड्यूटी के दौरान अच्छे और बुरे काम का इनाम(मेडल, सीआर आदि) भी आंका जाएगा। इसके बाद इंस्पेक्टर के 89 पदों पर प्रमोशन मिलेगा। पीएचक्यू ने दारोगाओं की वरिष्ठता सूची वेबसाइट में भी अपलोड कर दी है। इधर, सरकार के आदेश मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय ने प्रमोशन प्रक्रिया में तेजी ला दी है। उम्मीद है कि 15 अगस्त के बाद दारोगाओं का इंस्पेक्टर बनने का सपना पूरा हो जाएगा।

राज्य में वरिष्ठता विवाद के चलते 2014 से दारोगाओं के आधे  प्रमोशन लटके हुए थे। हालांकि 2016 में कोर्ट के आदेश पर 95 दारोगाओं को प्रमोशन मिल गया था। इस बीच नियमावली के फेर में प्रमोशन में देरी हुई। अब राज्य कैबिनेट ने 2018 में पुलिस उप निरीक्षक एवं निरीक्षक (नागरिक पुलिस/अभिसूचना) सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी थी। लेकिन यहां भी सीधी भर्ती और रैंकर से दारोगा बनने वालों के बीच असंतोष पैदा हो गया। मामला शासन के संज्ञान में आया तो संशोधित नियमावली को 2019 में मंजूरी दी गई। लेकिन इस पर विवाद नहीं थमा। इसके चलते प्रमोशन में देेरी हो रही थी। सूत्रों का कहना है कि प्रमोशन में देरी पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नाराजगी जाहिर करते हुए गृह विभाग को जरूरी निर्देश दिए थे। इस पर गृह विभाग ने 22 जुलाई 2020 को पुलिस मुख्यालय को प्रमोशन के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी कर एक माह के भीतर प्रमोशन के निर्देश दिए। इसके बाद पीएचक्यू में हलचल शुरू हुई और आनन-फानन में पूर्व में जारी वरिष्ठता सूची को दरकिनार कर वर्तमान में उपलब्ध प्रशिक्षण सत्र 1989-90 से प्रशिक्षण सत्र 2007-08 के 156 दारोगाओं (उप निरीक्षक) की वरिष्ठता सूची जारी कर दी। आईजी कार्मिक पुष्पक ज्योति के हस्ताक्षर से जारी सूची में सीधी भर्ती और रैंकर से दारोगा बने 156 नागरिक पुलिस और अभिसूचना के दारोगा शामिल है। पीएचक्यू ने यह सूची सभी ज़िलों, यूनिट और शाखाओं को प्रेषित की गई है। ताकि ज़िलों से सूची में शामिल पात्र दारोगाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके। यह जानकारी 15 अगस्त से पहले मुख्यालय ने मांगी है। इसके बाद प्रमोशन की कार्यवाही शुरू होगी।

 

रिवार्ड-मेडल का लाभ

प्रमोशन पाने वाले दारोगाओं को ड्यूटी के दौरान मिले रिवार्ड, मेडल और गुड वर्क का लाभ मिलेगा। इसी आधार पर प्रमोशन की अंतिम सूची तैयार होगी। इससे काम करने वालों को फायदा होगा। जबकि प्रशिक्षण में वरिष्ठता के बावजूद काम अच्छा न होने वालों को नुकसान होगा।

 

चार दारोगा जेल में बंद

प्रमोशन पाने वाले चार दारोगा रणबीर हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद चल रहे हैं। इनको प्रमोशन मिलना नामुमकिन है। कुछ की बीमारी और अन्य कारण से मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में पीटीसी अंक में पिछड़े दारोगाओं को लाभ मिलेगा।

 

पहले 600 की वरिष्ठता सूची हुई थी जारी

पिछले साल भी पीएचक्यू ने वरिष्ठता सूची जारी की थी। इस सूची में 2002 से 2011 के बीच सीधी भर्ती और रैंकर परीक्षा पास कर भर्ती हुए दारोगाओं को शामिल किया गया है। साथ ही 15 से 20 दारोगा ऐसे हैं, जो उत्तरप्रदेश के जमाने से प्रमोशन की राह देख रहे हैं। इनको भी इस सूची में शामिल किया गया था। लेकिन अब सिर्फ 2008 तक के दारोगाओं की सूची जारी की गई। इससे पहले भी वरिष्ठता सूची वर्ष 2014 एवं 2018 को निर्गत की जा चुकी थी।

 

इन दारोगाओं को नियमावली से प्रमोशन

राज्य में 2008 के बाद भर्ती हुए दारोगाओं को 2018-19 में बनी पुलिस उप निरीक्षक एवं निरीक्षक सेवा नियमावली के आधार पर प्रमोशन मिलेगा। नियमावली में स्पष्ट है कि 33 फीसद वरिष्ठता, 33 फीसद रैंकर और 34 फीसद सीधी भर्ती वाले को प्रमोशन में लाभ मिलेगा। पहले यह 50 फीसद सीधी भर्ती और 50 रैंकर से भर्ती होते थे। अब नई नियमावली से भर्ती होंगे।

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