ट्यूशन पढ़ाकर चमोली के किसान की बेटी प्रियंका ने पास की सिविल सेवा परीक्षा, पढ़िए पूरी खबर……
-एलआईसी एजेंट, डीएसपी, आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट की बेटी ने भी प्रतिभा का लोहा मनवाया
-रामनगर के शुभम ने 43 रैंक हासिल कर राज्य में किया टॉप, जमलोकी और विशाखा ने बढ़ाया मान
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड के होनहार युवाओं ने भी सिविल सेवा में अपनी प्रतिभा का जलवा बरकरार रखा है। रामनगर के शुभम बंसल ने ऑल इंडिया में 43वें रैंक हासिल कर राज्य में टॉप किया है। वहीं, चमोली की प्रियंका ने ट्यूशन पढ़ाकर और लॉ की पढ़ाई के बीच सिविल सेवा में प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इसके अलावा एलआईसी एजेंट की बेटी और पुलिस के डीएसपी की बेटी ने भी सीमित संसाधनों में परीक्षा पास कर नजीर पेश की है। वैली समाचार की तरफ से सभी होनहार भावी अफसरों को बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं।
रामनगर के शुभम ने किया राज्य में टॉप
रामनगर के शुभम बंसल ने ऑल इंडिया में 42वें रैंक हासिल कर राज्य में टॉप किया है। शुभम वर्तमान में आरबीआई में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। शुभम के पिता का राइस और फ्लोर का कारोबार है। शुभम ने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है।
चमोली की प्रियंका बनी नजीर
चमोली जिले के देवाल की रहने वाली प्रियंका ने ट्यूशन पढ़ाकर और स्वयं की पढ़ाई जारी रखते हुए नजीर पेश की है। प्रियंका के पिता दीवान राम किसान और माता गृहणी हैं। हालांकि उनके मामा जज हैं। मामा से ही प्रियंका को सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा मिली है। वह डीएवी कॉलेज से लॉ की पढ़ाई कर रही है। अभी वह फाइनल सेमिस्टर की छात्रा हैं। प्रियंका ने हिंदी मीडियम से परिक्षा पास की है। प्रियंका ने 257 रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना साकार किया है।
मुकुल जमलोकी ने तीसरी बार हासिल किया मुकाम
मूलरूप से रुद्रप्रयाग ज़िले के रविग्राम निवासी डॉ ओमप्रकाश जमलोकी के पुत्र मुकुल जमलोकी ने भी सिविल सेवा परीक्षा पास की है। मुकुल ने तीसरी बार यह परीक्षा पास की है। इससे पहले मुकुल भारतीय सूचना सेवा और इन दिनों भारतीय डाक सेवा में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनके पिता डॉ ओमप्रकाश जमलोकी दूरदर्शन में सीनियर कैमरा मैन हैं। माता शिक्षिका हैं।
पिता एलआईसी एजेंट बेटी बनेगी अफसर
सिविल सेवा परीक्षा में देहरादून निवासी (मूल रूप से बिजनौर) भानू सिंह ने ऑल इंडिया 618वीं रैंक हासिल की है। उनकी इस कामयाबी पर पूरे परिवार में खुशी की लहर है। भानू के पिता यशवंत सिंह एलआईसी एजेंट हैं जबकि मां गीता सिंह गृहिणी हैं। भानू ने सेंट मैरी बिजनौर से कक्षा छह तक की पढ़ाई की।इसके बाद सेंट ज्यूड्स स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई की। उन्होंने 10वीं में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद भानू ने सेंट जोजेफ्स एकेडमी से 95 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास की। फिर लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वूमन से सांख्यिकी में बीएससी ऑनर्स किया। इसके बाद कैंपस लॉ सेंटर दिल्ली विवि से एलएलबी पास की। भानू ने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है।
डीएसपी की बेटी आईपीएस
हरिद्वार में तैनात पुलिस उपाधीक्षक की बेटी विशाखा डबराल इन दिनों गुजरात में आईपीएस है। विशाखा ने आईएएस बनने को दूसरी बार सिविल सेवा परीक्षा दी है। लेकिन इत्तेफाक विशाखा को पिछली वाली रैंक यानी 134 वीं रैंक हासिल हुई।
ये भी सिविल सेवा के होनहार
गोपेश्वर के प्रशांत ने भी सिविल सेवा परीक्षा में 397 रैंक हासिल कर जनपद और राज्य का मान बढ़ाया है। बाजपुर के ऋजुल ने 702वीं, नेवी गांव जौनसार की बेटी सृष्टि ने 734 वीं, मेघाटू गांव की श्रीति शर्मा ने 775वीं और भवाली निवासी अमित दत्त ने 761वीं रैंक हासिल कर मान बढ़ाया है।
180 आईएएस और 150 बनेंगे आईपीएस
सिविल सेवा परीक्षा में पास अभ्यर्थियों को 927 पदों पर तैनाती मिलेगी। इनमें 180 को आईएएस, 150 आईपीएस, 24 को आईएफएस(इंडियन फॉरेन सर्विस) कैडर मिलेगा। इसके बाद आईएफएस (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) , आईआरएस, पोस्टल सर्विस, सूचना समेत अन्य विभागों में ग्रुप ए में 438 और ग्रुप बी में 135 अभ्यर्थियों को तैनाती मिलेगी।
पिछले साल ये रहा था आरक्षण
सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को उनके आरक्षण के मुताबिक पद आवंटित होंगे। इसके लिए आरक्षण रोस्टर के अनुसार पद मिलेंगे। पिछले साल सामान्य श्रेणी को 304, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 78, अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) को 251, अनुसूचित जाति (एससी) को 129, अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 67 पद आवंटित किए गए थे।