उत्तराखंड में आईपीएस अफसरों की नाराजगी से मची खलबली, जानिए कोर्ट जाने के पीछे के कारण….
–आईपीएस बरिंदरजीत सिंह ने डीजीपी समेत कई पर लगाये गंभीर आरोप
-12 साल की नौकरी में 08 बार हुए ट्रांसफर, यूएसनगर से हटाए जाने से नाराजगी
-साइडलाइन चले रहे कुछ अन्य आईपीएस भी दबी जुबां में जता रहे नाराजगी
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड में आईपीएस अफसर की नाराजगी से पुलिस मुख्यालय में खलबली मची हुई है। ऊधमसिंह नगर के एसएसपी रहे और वर्तमान में आईआरबी प्रथम के कमांडेंट बरिंदरजीत सिंह ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर डीजीपी समेत अन्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके बाद कई सालों से साइडलाइन चल रहे आईपीएस अफसरों में भी नाराजगी बढ़नी लाजमी है। समय रहते इस प्रकरण को मैनेज न किया गया तो पुलिस जैसे अनुशासित महकमे के लिए यह कदम नासूर बन सकते हैं।
ऊधमसिंहनगर के एसएसपी पद से हटाने के बाद 2008 बैच के आईपीएस बरिंदरजीत सिंह ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। हाइकोर्ट में पुलिस के मुखिया डीजीपी अनिल के रतूड़ी, डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार और कुमाऊं रेंज के पूर्व डीआईजी रहे जेआर जोशी को जिस तरह से पार्टी बनाया है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस महकमे के लिए यह पहला मौका है कि जब कोई अफसर इस तरह ट्रांसफर से नाराज होकर कोर्ट पहुंचा है। सूत्रों का कहना है कि आईपीएस बरिंदरजीत की नाराजगी के बाद वह अधिकारी भी अंदरखाने नाराजगी दिखा रहे, जो वर्षों से साइड लाइन चल रहे हैं। इनमें कुछ अधिकारी तो डीआईजी तक बन गए हैं। जबकि कुछ पीपीएस से प्रमोट होने के बाद प्राइम पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही सीधी भर्ती से आईपीएस बने अधिकारी भी दो तीन साल से ज्यादा समय से ज़िले की पोस्टिंग को तरस गए हैंं। अब सीनियर अधिकारियों के इस कदम से उन पर भी इसका असर न पड़ जाए, पुलिस मुख्यालय इसे लेकर चिंतित दिख रहा है। अब इस मामलेे को कैसे और किस तरह मैनेज किया जाएगा, इस पर पुलिस और शासन के उच्चधिकारियों में मंथन शुरू हो गया है। उम्मीद है कि जल्द प्रकरण को सुलझा लिया जाएगा।
प्रकरण पर हाईकोर्ट में 21 को सुनवाई
उत्तराखंड हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी, डीजी कानून व्यवस्था व पूर्व डीआईजी को 20 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।
“फिलहाल प्रकरण कोर्ट में चल रहा है। इस पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा। पुलिस में सब ठीक चल रहा है। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। मामले को तूल नहीं दिया जाना चाहिए।”
अशोक कुमार, डीजी, लॉ एंड आर्डर उत्तराखंड
ये भी हो सकता बगावत का कारण
सरकार ने कुछ दिन पहले ऊधमसिंह नगर के एसएसपी बरिंदरजीत सिंह को हटाते हुए पौड़ी के एसएसपी रहे एसएस कुंवर को एसएसपी बनाया था। इस दौरान सिर्फ दो ज़िलों में ही परिवर्तन हुआ। इसके पीछे प्रमोटी और सीधी भर्ती वाले आईपीएस की भी नाराजगी देखी जा रही है। इसके पीछे कुछ और भी कारण हो सकते हैं।
डीजीपी सिद्धू के समय भी बढ़ी नाराजगी
उत्तराखंड में डीजीपी बीएस सिद्धू के कार्यकाल में भी महकमे की खूब किरकिरी हुई थी। उस दौरान भी एक आईपीएस और दरोगा ने डीजीपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद सिपाहियों में भी मिशन आक्रोश जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। हालांकि पुलिस के कुछ अधिकारियों ने प्रकरण को मैनेज करने में अहम किरदार निभाते हुए सफलता पाई थी।