यूपीसीएल में पहली बार आईएएस बने एमडी, महकमे में मचा हुआ हड़कंप, इस पर सभी की निगाहें..

-आईएएस अफसर को एमडी बनाने से सुधर सकती यूपीसीएल की सूरत

-मनमाफिक काम करने की प्रवृत्ति में हो सकता सुधार, पुराने मामलों पर नज़र

-मुख्यमंत्री के पास विभाग होने से चलते चलेगा ज़ीरो टॉलरेंस का चाबुक

वैली समाचार, देहरादून।

उत्तराखंड बनने के 20 साल बाद यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड) में आईएएस अफसर को एमडी बनाने से हड़कंप मचा हुआ है। सरकार के इस फैसले को जहां कुछ अधिकारी यूपीसीएल की माली हालत में सुधार के संकेत दे रहे हैं, वहीं कुछ अलग ही इसारा कर रहे हैं। बहरहाल एमडी के पद पर तेज तर्रार आईएएस नीरज खैरवाल की तैनाती के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार के इस फैसले का लाभ यूपीसीएल के साथ ऊर्जा निगम के 25 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा।

यूपीसीएल में अभी तक पिटकुल, यूजेवीएनएल और यूपीसीएल से ही सीनियर इंजीनियर को एमडी बनाया जाता रहा है। उत्तरप्रदेश के जमाने से यह क्रम चल रहा है। उत्तरप्रदेश में भी एक बार आइएएस तिवारी को एमडी बनाया गया था। इसके बाद उत्तराखंड अलग हो गया था। लेकिन तब से यहां इंजीनियर ही एमडी की कुर्सी संभाल रहे थे। राज्य बनने के 20 साल बाद अचानक सरकार ने यूपीसीएल के निवर्तमान एमडी बीसीके मिश्रा के रिटायर्ड होते ही आईएएस अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है। उनको एमडी के साथ साथ अपर सचिव मुख्यमंत्री, ऊर्जा भी बनाया गया है। राज्य में पहली बार आईएएस अधिकारी को एमडी बनाने को लेकर यूपीसीएल में हड़कंप मचा है। सूत्रों का कहना है कि यूपीसीएल पूरी तरह से कमाऊ विभाग है। बावजूद इसके यहां बिजली खरीद-फरोख्त से लेकर दूसरे मामलों में अक्सर विवाद की स्थिति रहती है। कई बार बड़ी गड़बड़ी भी यहां सामने आ चुकी है। इन सब को देखते हुए सरकार ने सुधार के लिए यह कदम उठाया होगा। इससे मनमाफिक काम करने की प्रवृत्ति से लेकर दूसरी लापरवाही भी कम होंगी। स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बिजली व्यवस्था में सुधार को कई बार निर्देश जारी कर चुके हैं। अब देखना होगा कि एमडी के पद पर आईएएस की ताजपोशी से कितना फायदा यूपीसीएल को मिलेगा।

 

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