कोरोना संक्रमण के बचाव में कवच बन रहा संजीवनी एप

वैली समाचार, देहरादून।

भारत में प्राचीन काल से ही प्राकृतिक व आयुर्वेद विज्ञान का काफी महत्व रहा है। इसे के बूते भारत ने विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसी पद्वति को आधार बनाकर आयुष मंत्रालय ने आम जनता को कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने जैसे उपायों को साझा करते हुए संजीवनी ऐप लॉन्च किया है। यह एप कोरोना संक्रमण के बचाव में आमजन के लिए कवच साबित हो रहा है।

देश में तेज़ी से पैर पसार रहे कोरोना के खिलाफ केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर सक्रिय भूमिका निभा रही है व आम जनता को कोरोना से बचाव को लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने जैसे मुद्दों पर ध्यान देने को भी कह रही है,जिस पर प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी 14 अप्रैल को देश के नाम अपने एक संबोधन में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों को अपनाने को कहा गया था। जिसके बाद कोरोना से जंग में अपनी भूमिका को मजबूत करते हुए आयुष मंत्रालय द्वारा डेढ़ माह पूर्व संजीवनी ऐप लांच किया है जिसमे आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गई सभी एडवाइसरी दी गई है। साथ ही इस ऐप में स्वास्थ्य से जुड़े सवाल जवाब का भी प्रावधान किया गया है जिसके चलते आयुष मंत्रालय अपने एप से जुड़े लोगो के अनुभवों को जान सकेगा। सार्वजानिक स्थानों, कोर्ट, हॉस्पिटल आदि जगहों में केंद्र सरकार जारी निर्देशों के अनुसार जिस प्रकार आरोग्य सेतु एप होना अनिवार्य है वहीं आयुष मंत्रायल द्वारा लॉन्च की गई आयुष संजीवनी एप भी अब अनिवार्य कर दी गई है जो सभी की सुरक्षा व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी कारगर साबित हो रही है। जिसके चलते केंद्र सरकार द्वारा इसी अनिवार्य रूप से उपयोग में लाने के निर्देश जारी किये है।

एप में ये है खास बात

* कोरोना वायरस के चलते लोगो को आयुर्वेद के फायदे, घरेलू नुस्खे, आयुर्वेदिक औषधि, व्यायाम आदि के माध्यम से इम्यूनिटी बढ़ाने के बारे में बताया गया है।
* इस एप के माध्यम से लोगो से सवाल जवाब के जरिए डाटा लिया जाएगा ताकि यह पता लग सके कि आयुष मंत्रालय की सलाह लोगो तक कितनी फायदेमंद साबित हुई।
* इस एप में फीडबैक भेज अपना अनुभव साझा कर सकेंगे।

 

कैसे करे इंस्टाल
अपने स्मार्ट फोन के प्ले स्टोर में जाकर इस ऐप को डाउनलोड करना होगा और पूछे गए सवालों का जवाब देना होगा । आयुष मंत्रालय द्वारा लांच इस ऐप के प्रसार व ज़्यादा लोगों तक इसकी उपयोगिता समझाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा देश में हर राज्य के डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को इसकी जिम्मेदारी सौपीं है जिसके तहत उत्तराखंड में भी आयुर्वेदिक डॉक्टरों को इसके प्रचार- प्रसार का जिम्मा दिया गया है।

 

डॉक्टर का कहना

शालक्य विभाग,उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, हर्रावाला में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ आभा सिंह के अनुसार हमेशा से ही आयुर्वेद हमारे जीवन का हिस्सा रहा है और इस ऐप के जरिए लोगों तक आयुर्वेद के माध्यम से इम्यूनिटी बढ़ाना सबसे अहम है। जिससे कोविड-19 जैसी बीमारी को हराया जा सकता है।
इसके साथ ही डॉ आभा अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर निजी स्तर पर भी इसका प्रचार प्रसार कर रही है जिसमे उन सभी के द्वारा ऐप की उपयोगिता दर्शाते हुए छोटे संदेश से लेकर वीडियो संदेश भी बनाये जा रहे है।इसके अलावा उनके द्वारा इस कार्य में अपने यू ट्यूब चैनल को भी माध्यम बनाया है।

एप में डाटा रहेगा एकदम सुरक्षित
अक्सर लोगो में इस बात को लेकर यह चिंता रहती है कि इन ऐप से कहीं हमारा डाटा ना लीक हो जाए , लेकिन आपको बता दे की इस ऐप में आपका डाटा और आपकी ली गई जानकारी एकदम सुरक्षित है।

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