उत्तराखंड में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता जांचने को रिसर्च में जुटी आईसीएमआर

-कोरोना संक्रमण के चलते देश के 21 राज्यों के लोगों के ब्लड सैम्पल ले रही टीम

-पौड़ी जनपद के 10 कलस्टर से लिए गए महिला पुरुषों के 40-40 सैंपल

-आईसीएमआर की टीम सभी सैम्पल जांच को नेशनल लैबोरैट्ररी पुणे भेजेगी

वैली समाचार, देहरादून।

कोरोना संक्रमण को दवा बनाने के साथ ही आईसीएमआर (इडियन मेडिकल कॉउंसिल रिसर्च ) ने आम लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का आंकलन करना शुरु कर दिया है। इसे लेकर देश के 21 राज्यों में चिन्हित जनपदों में सर्वे शुरू हो गया है। इसे लेकर नेशनल सिरो सर्विलांस सर्वे कोविड-19 के तहत सैंपलिंग की जा रही हैं। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में इसकी शुरुआत हो गई है। सैंपल की जांच कराने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता की जानकारी मिलने पर भारत सरकार इसे लेकर अहम कदम उठाएगा।

आईसीएमआर ने उत्तराखंड में इस सर्वे के लिए पौड़ी ज़िले को चिन्हित किया है। पौड़ी जिले में आईसीएमआर की टीम विगत दो दिनों से सैंपल ले रही है। भारत सरकार का सर्वे दल खिर्सू श्रीनगर, पौड़ी, थैलीसैंण, जयहरीखाल, बीरौंखाल, दुगद्डा ब्लॉक में दस कलस्टर से 40-40 सैंपल लिया। जो जांच के लिए पुणे जायेगा। श्रीनगर और श्रीकोट से टीम के सदस्यों ने 40 लोगों के ब्लड़ सैंपल लिये। जो सैंपल लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता जांचने के लिए जा रही है। ब्लड़ सैंपल की जांच आईसीएमआर टीम सैंपल नेशनल लैबोरैट्ररी पुणे ले जायेगी। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद पता चल सकेगा कि लोगों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है या कम। यदि कम हुई तो कोरोना जैसी बीमारी से लड़ने के लिए लोगों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को और बेहतर कार्य करने की आवश्यकता होगी।

17 हजार प्रवासी लौटे

पौड़ी जिले में अभी तक 17 हजार से अधिक प्रवासी लोग आ गये है। 14 दिनों के क्वारंटीन में प्रवासियों को रखा गया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि लोगों में रोग-प्रतिरोधक की क्षमता जांचने के लिए आईसीएमआर की टीम ब्लड़ सैंपल ले रही है। पुणे में जांच रिपोर्ट के बाद ही गढ़वाल के लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का आंकलन का पता चल पायेगा।

 

सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की ओर से सभी सर्तकता बरती जा रही है। लोगों को सोशल डिस्टेंस और लगातार साफ-सफाई रखने, हाथों को साबुन से धोने, योग-व्यायाम घर में रहकर करने सहित तमाम जानकारियां दी जा रही है। इसे लेकर समय समय पर गाइड लाइन जारी की जा रही है।

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