ब्रह्ममुहूर्त पर भगवान बदरीनाथ के कपाट खुले, पहली पूजा देश के प्रधानमंत्री मोदी के नाम

-कपाट खुलते ही अखण्ड ज्योति के दर्शन, घृत कंबल का प्रसाद पाकर धन्य हुए मौजूद लोग

– प्रात: 4 बजकर 30 मिनट कपाट खुलते ही उद्धव, कुबेर जी और कलश मंदिर में विराजे

-माता लक्ष्मी की मूर्ति को गर्भ गृह से बाहर लाकर लक्ष्मी नारायण मंदिर में रखी

वैली समाचार, बदरीनाथ।

लॉक डाउन के बीच आज ब्रह्मुहुर्त पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल गए हैं। इस दौरान सीमित संख्या में हकहकूधारियों ने भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। सुबह 4:30 बजे कपाट खुलते ही उद्धव जी, कुबेर जी और पवित्र कलश को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया। इस दौरान भगवान बदरीविशाल की मूर्ति पर शीतकाल में ओढ़े गए घृत कंबल को हटाते हुए प्रसाद के रूप में बांटा गया। बाद में पूजा अर्चना कर नया घृत कंबल और तिल के तेल का विशेष लेप बदरीविशाल की मूर्ति पर लगाया गया। इसके साथ ही अखण्ड ज्योति के दर्शन शुरू हो गए।

विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज निर्धारित तिथि पर आज प्रात: 4 बजकर 30 मिनट ब्रह्म मुहूर्त में खुल गये है।
शुक्रवार, जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खुले। इस अवसर पर दर्शन करने वालों की सीमित संख्या में लोग मौजूद रहे। इससे पहले गुरुवार को आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी सहित रावल जी,श्री उद्धव जी,श्री कुबेर जी एवं गाडूघड़ा( तेलकलश ) योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये थे। प्रात: तीन बजे से श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी,सेवादार -हक हकूकधारी पूजा में मौजूद रहे। श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल एवं डिमरी
हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पूजा हेतु पहुंचे। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ तत्पश्चात प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल जी द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा गया।श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गये।

 

घृत कंबल का प्रसाद बांटा

कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढे गये घृत कंबल
को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। माणा गांव द्वारा तैयार हाथ से बुने गये घृतकंबल को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया जाता है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मानवमात्र के रोग शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गयी‌।

पीएम मोदी के नाम पहली पूजा

भगवान बदरीविशाल की प्रथम पूजा-अर्चना देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम मानवता के कल्याण, देश को आरोग्यत हेतु संपन्न की गई। इसके दौरान ऑनलाइन पूजाओं को यात्रियों की ओर से उनके नाम संपादित किया जायेगा।

 

धाम में इन मंदिरों के कपाट खुले

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित माता लक्ष्मी मंदिर,श्री गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण जी का मंदिर परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर मंदिर, आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के द्वार खुल गये। साथ ही माणा के निकट स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर तथा श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही खुल गये है। बदरीनाथ स्थित खाक चौक में हनुमान मंदिर के द्वार भी आज खुल गये है।

भजन, बैंड की धुन रही गायब

इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनायी दी। इस यात्रा वर्ष कोरोना महामारी के कहर का प्रभाव उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बदरीपुरी में आश्रम,दुकाने, छोटे-बड़े होटल, रेस्टोरेंट,ढाबे बंद है। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से बदरीशपुरी गुंजायमान जरूर हो गयी।

 

10 कुंतल फूलों से सजाया मंदिर

इस बार 10 कुंतल फूलों से मंदिर की सजावट के साथ बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था । इस यात्रा वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए चार धाम यात्रा शुरू नहीं हो सकी है‌। केवल कपाट खोले गये हैं। कपाट खुलने को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली थी।

मुख्यमंत्री ने दी शुुभकामनाएं

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जायेगी। यथा शीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे।प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलते ही अब उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुल गये है। उचित समय पर चार धाम यात्रा भी शुरू हो जायेगी।

 

बामणी और माणा गांव में पाबंदी

श्री बदरीनाथ धाम में लाक डाउन का पूरी तरह लागू है दुकाने, होटल, ढाबे, आश्रम आदि बंद है। निकटवर्ती गांवों बामणी एवं माणा में भी आवाजाही नहीं है। तप्त कुंड, ब्रह्म कपाल तथा स्नान घाट भी शांत है अलकनंदा नदी का धीमा स्वर सुनाई दे रहा है।उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि कोरोना लाक डाउन के मद्देनजर शोसियल डिस्टेंसिंग सहित सरकारी एडवाइजरी का पालन किया गया। मास्क पहने गये एवं साफ सफाई का ध्यान रखा गया।

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