लेबर और बजट के बगैर ठेकेदारों के भी पड़े लाले, सब्जी की दुकान खोलने की आई नौबत
-लंबे समय से फंसा हुआ पेमेंट, जमानत राशि भी नहीं मिल रही, टर्नओवर आधा रह गया, टू-बिड निविदा का विरोध
-लॉक डाउन के कारण नहीं मिल रही निर्माण सामग्री, नये बॉन्ड कराने में आ रही दिक्कतें
-मुख्यमंत्री को पत्र लिख मांगी विशेष रियायत, काम और दाम में छूट की उठाई मांग
वैली समाचार, देहरादून।
लॉक डाउन के चलते उत्तराखंड में पंजीकृत ठेकेदारों की आर्थिकी और आजीविका भी बुरी तरह प्रभावित हो गई है। तीन माह से काम पूरी तरह से बंद हैं। अब लेबर और निर्माण सामग्री के भी लाले पड़ गए। जहां उपलब्ध है दाम दोगुने या मुहंमाँगे हो गए हैं। ऐसे में ठेकेदारों के सामने व्यवसाय बदलकर सब्जी की दुकानें खोलने की नौबत आ गई है। इससे चिंतित ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए विशेष रियायत देने की मांग की है।इस मौके पर अध्यक्ष गोविन्द सिंह पुंडीर ने बताया कि सरकार को जल्द उनकी मांग पर उचित निर्णय लेना चाहिए।
लोक निर्माण विभाग समेत अन्य निर्माण एजेंसी से जुड़े ठेकेदारों ने गुरुवार को देहरादून में बैठक की। इस दौरान लॉक डाउन से उपजे हालात पर चर्चा की। कहा कि विभाग लम्बे समय से उनके लाखों का भुगतान दबाए बैठा है। मार्च फाइनल और नए स्तर की उम्मीद में कई काम भी विभाग के भरोसे पर किए जाते हैं। लाखों के काम बजट की प्रत्यासा में किए गए हैं। कुछ काम के बांड भी होने थे। लेकिन लॉक डाउन ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी अचिन गुप्ता और अनुराग गुप्ता ने बताया कि दो माह से काम पूरी तरह बंद चल रहे हैं। बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों के कुशल और अकुशल श्रमिक भी लौट गए हैं। निर्माण सामग्री भी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ठेकेदारों को उचित पैकेज या रियायत नहीं देती तो ठेकेदार व्यवसाय बदलकर सब्जी की दुकान खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
400 की लेबर 800, निर्माण सामग्री के दाम तीनगुना
एशोसिएशन ने कहा कि उनकी परमानेंट लेबर 300 से 400 रुपये की मजदूरी लेते थे। लेकिन अब काम चलाऊ के लिए यदि कुछ लेबर मिल रहे तो मजदूरी दोगुनी ले रहे हैं। इसी तरह निर्माण सामग्री भी दोगुना दाम पर मिल रही है। इसी तरह खर्चा ज्यादा होने से टर्न ओवर भी आधा रह गया है।