देहरादून को रेड जोन से ऑरेंज जोन पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
-उत्तराखंड में कोरोना मरीजो को लेकर टॉप पर चल रहा देहरादून, अब तक सामने आए 40 मरीज
-हरिद्वार तीसरे चौथे नम्बर के बावजूद किया गया रेड जोन में शामिल, सरकार से मांगा जवाब
वैली समाचार, देहरादून।
उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का मामला हाईकोर्ट चला गया। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद जिलों के वर्गीकरण पर सवाल उठाते हए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में 18 मई तक जवाब देना होगा। इधर, जल्द रेड और ग्रीन के मानक में बदल हो सकते हैं। केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार इस पर निर्णय होगा।
नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून को ऑरेंज जोन और हरिद्वार जिले को रेड जोन घोषित करने के मामले में राज्य और केद्र सरकार से पूछा है कि किस आधार पर हरिद्वार को रेड और देहरादून को ऑरेंज जॉन घोषित किया गया है। कोर्ट ने मामले में 18 मई तक जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी अक्षित शर्मा जो लॉ कॉलेज का स्टूडेंट है, उसने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 20 अप्रैल को हरिद्वार जिले में कोरोना के दो पॉजिटिव मरीज सामने आए थे, वहीं देहरादून जिले में कोरोना के दस पॉजिटिव मिले थे। बावजूद इसके हरिद्वार जिले को रेड जोन और देहरादून को ऑरेंज जॉन की कैटेगरी में रखा गया है, जो कि गलत है।
याचिकाकर्ता ने यह कहा
याचिकाकर्ता का कहना था कि जब केंद्र सरकार की गाइड लाइन स्पष्ट है कि जहां ज्यादा पॉजिटिव मरीज होंगे उस क्षेत्र को रेड जोन, जहां कम होंगे उसको ऑरेंज और जहां नही होंगे वहां ग्रीन जॉन घोषित किया जाएगा। हरिद्वार में कम व देहरादून में ज्यादा मरीज होने पर भी हरिद्वार को इस आधार पर रेड जोन घोषित किया गया है इसकी जांच होनी चाहिए। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार से पूछा है कि किस आधार पर हरिद्वार को रेड जोन और देहरादून को ऑरेंज जोन घोषित किया गया है, इसका जवाब 18 मई तक कोर्ट के समक्ष पेश करें।