अल्मोड़ा में 37 दिन बाद कोरोना की दस्तक ने बढ़ाई चिंता, अब ग्रीन जोन में दहशत

-अल्मोड़ा में एक जमाती ने बढ़ा दी थी 37 दिन पहले चिंता, ठीक होने पर मिली थी राहत

-अब सात जनपदों में कुछ दिन राहत, प्रवासियों के आने से लोगों में बना हुआ डर

वैली समाचार, देहरादून

उत्तराखंड के ग्रीन जोन वाले ज़िलों में शूमार अल्मोड़ा में 37 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव मिला है। इससे अकेले अल्मोड़ा नहीं बल्कि पौड़ी और पूरी तरह से ग्रीन जोन वाले जिलों कि चिन्ता बढ़ गई है। पहाड़ में लगातार प्रवासियों के आने से ज्यादा मुश्किल वाले हालात नज़र आने लगे हैं। खास कर पहाड़ की के खराब स्वास्थ्य सेवाओं के सामने कोरोना से जंग जीती जाएगी, इस पर भरोसा करना मुमकिन नहीं है। बहरहाल कोरोना पॉजिटिव मामलों से पहाड़ की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अल्मोड़ा 37 दिन बाद फिर इस बीमारी की जद में आ गया है। पूर्व में यहां बस एक जमाती कोरोना संक्रमित आया था, जो ठीक भी हो चुका है। अल्मोड़ा के कोरोना मुक्त होने पर न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि सरकार ने भी राहत की सांस ली थी। पर गुरुग्राम से रानीखेत लौटे व्यक्ति में कोरोना की पुष्टि होने के बाद अब फिर नया मोर्चा खुल गया है। अच्छी बात यह रही कि मरीज व उसके परिवार को घर पहुंचने से पहले ही आइसोलेट कर दिया गया था।
बता दें, बीती छह अप्रैल को रानीखेत में पूर्णिया बिहार निवासी एक जमाती कोरोना संक्रमित पाया गया था। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद 19 मार्च को उसे क्वारंटाइन किया गया था। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसका बेस अस्पताल अल्मोड़ा में इलाज चला। जमाती के निवास स्थान कुरेशियन मुहल्ला सहित इससे लगे सुदामापुरी और लोअर खड़ी बाजार को भी सील करना पड़ा था। जमाती के अन्य तीन साथियों का भी टेस्ट कराया गया जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इस एक मरीज के ठीक होने के बाद अल्मोड़ा में कोरोना का कोई और मामला नहीं आया था। पर लॉकडाउन-3 में उत्तराखंड लौट रहे सैकड़ों प्रवासियों ने जिस कदर चुनौतियां बढ़ाई हैं, उससे अल्मोड़ा भी अछूता नहीं रह सका। 37 दिन की लंबी अवधि के बाद यहां फिर कोरोना की दस्तक हो गई है। यही नहीं इस मामले ने प्रदेश के अन्य पर्वतीय जिलों की भी चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले ग्रीन जोन उत्तरकाशी में भी एक प्रवासी कोरोना संक्रमित आ चुका है।

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