उत्तराखंड में किसानों को मिलेगा दो हजार करोड़ का लोन, गांव लौट रहे युवा स्वरोजगार अपनाए
–शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने ली सहकारिता और नाबार्ड के अधिकारियों की बैठक
देहरादून। कोरोना महामारी के बीच उत्तराखंड के किसानों लिए अच्छी खबर है। सरकार ने किसानों की आर्थिकी सुधार को दो हजार करोड़ का लोन बांटने का लक्ष्य रखा है। इसका लाभ राज्य में आर्थिक तंगी और धनाभाव से जूझ रहे किसानों को मिलेगा। इसके अलावा दूसरे राज्यों से लौट रहे युवा भी इस योजना में स्वरोजगार को आगे आ सकते हैं।
राज्य के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत ने सहकारिता विभाग एवं नाबार्ड के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में डाॅ धन सिंह रावत ने अधिकारियों से सहकारी बैंकों द्वारा विगत वित्तीय वर्ष में वितरित फसली ऋण की समीक्षा कर इस वर्ष के लिए ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारण किया। समीक्षा बैठक में डाॅ रावत ने नवीन वित्तीय वर्ष में राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को 2000 करोड़ रूपये का ऋण आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया। सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष नाबार्ड ने काॅपरेटिव बैंकों को 2000 करोड़ रूपये देने पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। जिसका लाभ प्रदेश के राज्य और जिला सहकारी बैंक उठा सकेंगे। उन्होने कहा कि इसके लिए सहकारी बैंकों को अपना दायरा बढ़ा कर अधिक से अधिक संख्या में लोगों को ऋण वितरण करना होगा। वहीं बैठक में सहकारी बैंकों के ऋण वितरण की जानकारी देते हुए राज्य सहकारी बैंक के एमडी दीपक कुमार ने बताया कि विगत वर्ष बैंकों द्वारा 1400 करोड़ रुपये का फसली ऋण वितरित का लक्ष्य प्राप्त किया गया और इस वर्ष 2000 करोड़ रूपये के लक्ष्य को समय से पूरा कर दिया जायेगा।
प्रवासी के लिए स्वरोजगार का विकल्प
बैठक में सहकारिता मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते राज्य में लगभग 2 लाख प्रवासी उत्तराखंडी अपने घर लौट रहे हैं। लिहाज उन्हें सहकारिता के माध्यम से रोजगार से जोड़ने की पहल की जाय। उन्होंने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी सहकारी बैंकों से ऋण लेकर स्वरोजगार का विकल्प अपना सकते है। इसके लिए सहकारी बैंक ऋण देने के लिए तैयार हैं। वहीं बैठक में सहाकारिता मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने अधिकारियों को सहकारी समितियों को शीघ्र कम्प्यूटरीकृत करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने बताया कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी जिला सहकारी बैंको को एक-एक मोबाइल वैन उपलब्ध कराई जायेगी। बैठक में निबन्धक सहकारी समितियां बीएम मिश्रा, एमडी राज्य सहकारी बैंक दीपक कुमार, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड सुनील चावला, उप महाप्रबंधक नाबार्ड एसएल बिलड़ा आदि मौजूद थे।