कोरोना जंग में शहीद सिपाही को डीआईजी ने दिया कंधा, पुलिस लाइन में नम आंखों से दी अंतिम विदाई

-शहीद स्थल पुलिस लाइन में सिपाही संजय गुर्जर को दी अंतिम विदाई

– क्वारंटाइन सेंटर में पीपीई किट देकर लौट रहे सिपाही की सड़क हादसे में मौत

नंदा की चौकी के पास सड़क पर बाइक फिसल कर बिजली के पोल पर टकराई

 -क्वारंटाइन सेंटर में मानसिक रोगी के हंगामे के बाद मंगाई थी पीपीई किट

देहरादून। प्रेमनगर थाने में तैनात सिपाही संजय गुर्जर ने दूसरे की जान बचा कर खुद की जान गवां दी। कोरोना महामारी की जंग में सिपाही के शहीद (सड़क दुर्घटना में मौत) होने पर देहरादून के डीआईजी/ एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कंधा दिया तो उनकी आंखें भी नम हो गई। डीआईजी के साथ अन्य अफसरों ने भी सिपाही के पार्थिव शरीर को कंधा देते हुए शहीद स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान असली कोरोना वॉरियर संजय गुर्जर के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के बाद हरिद्वार भेजा गया। इस दौरान अंतिम विदाई देने आए हर पुलिस कर्मी संजय की याद में अपने आंसू नहीं रोक पाए।

गौरतलब है कि प्रेमनगर थाने में तैनात सिपाही संजय गुर्जर सोमवार रात नंदा की चौकी के पास कोोरोना के एक क्वारंटाइन सेंटर में मंगाई गई पीपीई किट देकर लौट रहा था। जल्दी वापस आने के चक्कर में सिपाही की बाइक फिसलने से बिजली के खम्बे से टकरा गई। गंभीर हाल में सिपाही को सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सिपाही की मौत हो गई। इस घटना से देहरादून पुलिस में शोक की लहर दौड़ पड़ी। सिपाही की मौत की खबर मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी अस्पताल पहुंचे।दोपहर बाद संजय का पार्थिव शरीर पुलिस लाइन स्थित शहीद स्थल लाया गया। जहां श्रद्धांजलि देने दून के डीआईजी/एसएसपी अरुण मोहन जोशी, एसपी सिटी श्वेता चौबे समेत अन्य अधिकारी पहुंचे। सभी ने सिपाही के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

हरिद्वार का रहने वाला सिपाही

प्रेमनगर थाने में तैनात संजय गुर्जर हरिद्वार जनपद  रुड़की के मुंडलाना का रहने वाला है। सिपाही 2006 में भर्ती हुआ था। सिपाही संजय जहां भी तैनात रहा, सबके लिए हर दिल अजीज रहा। कानून व्यवस्था में हमेशा आगे रहता था। सिपाही की मौत की खबर मिलने से पत्नी और परिजनों में कोहराम मच गया। घटना के बाद और पुलिस कर्मी अस्पताल पहुंचे। संजय का परिवार पित्थुवाला में रहता था। जहां से परिवार को हरिद्वार स्थित घर भेजा गया।

 

कोरोना वॉरियर का मिले सम्मान

कोरोना महामारी की जंग में सिपाही दिनरात लड़ रहा था। प्रेमनगर थाने में कानून व्यवस्था बनाने से लेकर कोरोना ड्यूटी में सिपाही मुस्तैद रहता था। कोरोना क्वारंटाइन सेंटर में पीपीई किट देकर लौटने से सिपाही की मौत हुई। ऐसे में सिपाही असली कोरोना वॉरियर्स था। इसका सम्मान सिपाही को मिलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि कई राज्य सरकार ने कोरोना ड्यूटी में मरने वालों को शहीद का दर्जा दिया है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार और पुलिस महकमा भी सिपाही की मौत को शहीद का दर्जा दें। ताकि कोरोना की जंग में जुटे कार्मिकों का हौसला अफजाई हो सके।

 

जल्दी के चक्कर में गई सिपाही की जान

नंदा की चौकी के पास एक क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती सन्दिग्ध मरीज ने हंगामा किया। इस मरीज को पकड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट मौजूद नहीं थी। पुलिस से यहां पीपीई किट भेजने को कहा गया। प्रेमनगर थाने से सिपाही किट लेकर रवाना हुआ। सिपाही तेजी से किट देकर दूसरे जरूरी काम के लिए वापस लौट रहा था कि रास्ते मे कुछ आवारा पशु सड़क पर लेटे थे, उन्हें बचाने के चक्कर में सिपाही तेज रफ्तार बाइक को थोड़ी घुमाने लगे तो बाइक पत्तों पर फिसलते हुए बिजली के खम्भे से टकरा गई। आसपास के लोगों ने जोर की आवाज सुनी तो घटना का पता चल पाया।

 

मौत पर अधिकारियों ने जताया शोक

सिपाही संजय की मौत की खबर पर एसएसपी अरुण मोहन जोशी, एसपी सिटी श्वेता चौबे, सीओ लोकजीत सिंह, शेखर सुयाल, एसओ धर्मेंद्र रौतेला ने सिपाही की मौत पर गहरा शोक जताया है। आ

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