यूपी का बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी टिहरी में गिरफ्तार, लॉक डाउन तोड़ समर्थकों समेत जा रहे थे बदरीनाथ

लॉक डाउन में अनुमति देने वाले अफसरों पर क्या कार्रवाई करेगी सरकार

-मुनिकीरेती पुलिस ने सीओ प्रमोद शाह के नेतृत्व में किया गिरफ्तार

-चमोली में अफसरों से बदसलूकी करने के बाद काफिला लौटाया था वापस

-उत्तराखंड के वरिष्ठ नौकरशाह ने 11 लोगों को तीन लग्जरी वाहनों के साथ दी थी अनुमति

-बदरीनाथ के कपाट बंद होने के बावजूद दी गई अनुमति, केदारनाथ जाने का भी था कार्यक्रम

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के बीच बड़ी खबर आई है। लॉक डाउन के नियमों को ठेंगा दिखाकर बदरीनाथ और केदरनाथ जा रहे यूपी के बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत 12 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कर्णप्रयाग में कोरोना ड्यूटी में लगे अफसरों से बदसलूकी करने के बाद टिहरी पुलिस ने वापसी आते वक्त मुनिकीरेती में यह कार्रवाई की है। हालांकि मीडिया मेंं मामला आने के बाद अफसरों को यह कार्रवाई करनी पड़ी।इससे सवाल उठ रहा कि जब आम लोग बीमारी और जरूरी काम के लिए पास नहीं ले पा रहे तो बाहुबली विधायक को काफिले के साथ कैसे प्रतिबंधित क्षेत्र में पास जारी किया गया। मामला मीडिया में वायरल हुआ तो शासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में अफसरों ने टिहरी और पौड़ी के पुलिस-प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर टिहरी पुलिस ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी के काफिले को व्यासी थाना मुनीकीरेती में रोक दिया। पुलिस ने तीन वाहनों में अनुमति के विपरीत 12 लोगों के सवार होने आपदा एवं संक्रमन अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीनों वाहनों में सवार 12 व्यक्तियों को हिरासत में लिया। यहां कड़ी पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज किया गया।नरेंद्रनगर प्रमोद कुमार शाह ने बताया कि किया विधायक अमनमणि त्रिपाठी तथा 11 अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध धारा 188 ,269,270आईपीसी, आपदा प्रबंधन अधिनियम धारा 51, संक्रमित महामारी अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई की गई । गिरफ्तारी के उपरांत धारा 41 क का नोटिस तामिल कर 12 व्यक्तियों को उनके वाहन से जनपद की सीमा से बाहर किया गया

 

 

देशभर में लॉक डाउन के बीच जहां गरीब लोग अपने बीमारी और घर आने तक की अनुमति के लिए परेशान हैं, वहीं ऊंची पकड़ वालों के लिए हर कुछ संभव है। ऐसा ही एक मामला रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग में सामने आया। यहां उत्तरप्रदेश के चर्चित नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और दबंग विधायक अमनमणि त्रिपाठी यूपी के मुख्यमंत्री के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के लिए बदरीनाथ और केदारनाथ की यात्रा पर पहुंच गए। साथ में विधायक तीन लग्जरी वाहनों में 11 लोगों को भी ले गए। हालांकि विधायक के पास उत्तराखंड के वरिष्ठ नौकरशाह की अनुमति थी। इए अनुमति से वह कर्णप्रयाग तक पहुंच गए। इस दौरान गौचर और कुछ बैरियर पर विधायक को पुलिस और कोरोना ड्यूटी में लगे कर्मियों ने रोकना चाहा, आरोप है कि विधायक जबरन आगे बढ़ गए। लेकिन कर्णप्रयाग में भारी पुलिस फोर्स के चलते विधायक का काफिला रोका गया। काफी देर तक विधायक के साथ पुलिस और प्रशासन के लोगों की बहस भी हुई। पुलिस ने बदरीनाथ के कपाट बंद होने का हवाला देते हुए समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन विधायक और उनके साथ चल रहे लोग नहीं माने। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो काफिला वापस लौट आया। आरोप है कि इस दौरान विधायक और उनके लोगों ने पुलिस और कोरोना ड्यूटी दे रही टीम के साथ बदसलूकी भी की गई। बहरहाल लॉक डाउन के बीच इस प्रकरण ने कायदे कानून की बात करने वालों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

एसडीएम का कहना

एसडीएम कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता कहना है कि विधायक द्वारा उनसे दूरभाष में हुई बातचीत में अभद्र व्यवहार किया गया। जबकि वह उन्हें सिर्फ नियमों को बता रहे थे। बताया गया कि यूपी के विधायक अमनमणी त्रिपाटी के अपने 10 साथियों सहित तीन इनोबा कार में गौचर चेक पोस्ट पर पहुंचे । एसडीएम वैभव गुप्ता ने कहा कि देहरादून से इन्हें अनुमति मिली हुई थी। अनुमति में उन्हें दो मई से सात मई तक बदरीनाथ व केदारनाथ भ्रमण के दौरान पित्र कार्य के लिए अनुमति दी गई थी।

 

लॉक डाउन में यह था नियम

एसडीएम ने बताया कि अनुमति के बाद भी दूसरे जिले से आने वाले को प्रशासन फेसलिटी क्वारेंटीन या होम क्वारेंटीन का नियम है। लेकिन ये लोग तो नियम सुनने को राजी नहीं थे। ऐसे में उन्हें वापस लौटा दिया। एसडीएम के अनुसार विधायक सहित साथियों को बताया गया कि बदरीनाथ के कपाट अभी बंद हैं और बदरीनाथ जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

डीएम और एसपी से की बात

डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि वह मौके पर मौजूद नहीं थी। विधायक सहित अन्य लोगों को वापस भेजा गया है। एसडीएम कर्णप्रयाग ही इस सबंध में ज्यादा जानकारी दे सकते हैं। पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने कहा कि यूपी के विधायक अमनमणी त्रिपाटी सहित अन्य साथियों को बता दिया गया था कि बदरीनाथ कपाट नहीं खुले है। वह वापस लौट गए हैं। उच्चधिकारियों को अवगत करा दिया है।

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