उत्तरकाशी के डीएम ने गढ़वाली में लिखा पत्र, प्रवासियों के प्रबन्ध में प्रधानों से मांगा सहयोग
देहरादून। लॉक डाउन के बीच गांव कस्बों में लौट रहे प्रवासियों को लेकर ज़िले के डीएम खासे चिंतित हैं। ग्रीन ज़ोन को बनाये रखने की उनकी मेहनत खरब न हो, इनके लिए आगे भी आम लोगों से सहयोग मांग रहे हैं। रूद्रप्रयाग के डीएम जहां सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं। वहीं उत्तरकाशी के डीएम आशीष चौहान ने गढ़वाली में चिट्ठी लिख गांव के प्रधानों से प्रवासियों के लौटने पर व्यवस्था बनाने में सहयोग मांगा है। डीएम का यह पत्र सोशल मीडिया में खूब ट्रोल हो रहा है। इस पर कई प्रधान डीएम की इस पहल की तारीफ भी कर रहे हैं।
उत्तराखंड में हजारों की संख्या में प्रवासी घर लौटने की तैयारी में हैं। करीब एक लाख 25 हज़ार प्रवासी लॉकडाउन की वजह से वापस आने को विभिन्न स्तर पर पंजीकरण करा चुके हैं। एक साथ हजारों की संख्या वापस आने से गांव कस्बों में कुछ दिक्कतें हो सकती है। इसका प्रशासन को अंदेशा भी है। ऐसे में पहाड़ी ज़िलों में कोरोना महामारी के बीच गाँवों में प्रवासीयों के आने के पूरे इंतज़ाम भी किए जा रहे हैं। इस पूरी क़वायद में डीएम और प्रधान प्रथम पंक्ति में हैं। ऐसे में व्यवस्था बनाने के लिए उत्तरकाशी के डीएम डॉ. आशीष चौहान ने जिले के प्रधानों के नाम गढ़वाली बोली में पत्र लिखा है। डीएम ने जिले के प्रधानों से अपील की है कि प्रवासियों के गांव लौटने के बाद उनके क्वारंटाइन करने में प्रशासन की मदद करें। साथ ही गांव के पंचायत भवन सहित सरकारी विद्यालयों को भी तैयार करने में सहयोग देें। दरसल उत्तरकाशी ज़िले में हज़ारों प्रवासियों के जनपद और गांव आने की उम्मीद है। इस इसमें सबसे अहम भूमिका अब ग्राम पंचायतों की होने वाली है। क्योंकि प्रवासियों को कोरोना के किसी भी प्रकार के लक्षण न पाए जाने पर होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जाएगा, जिसके तहत डीएम ने प्रधानों से अपील कि है कि अगर कोरोना के संक्रमण को बचाना है तो प्रवासियों को 14 दिन क्वारंटाइन रहकर अन्य ग्रामीणों से अलग रहना होगा। इधर, रूद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल भी सोशल मीडिया और प्रचार के दूसरे तरीकों से कोरोना को लेकर जागरूकता में जुटे हैं।जिलाधिकारियों की यह पहल लोगों को पसंद भी आ रही है।
मदद में ये भी रहे तैयार
डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि उन्होंने अपने गढ़वाली पत्र में ग्राम प्रधानों से अपील की है कि जो भी लोग गांव में क्वारंटाइन रहेंगे। उनकी चौकीदारी के लिए युवक मंगल दल सहित महिला मंगल दल और आशा आंगनबाड़ी को तैयार करें। साथ ही गांव आने वाले लोगों को समझाएं की अगर वह 14 दिन क्वारंटाइन रहेंगे तो यह पूरे समाज की भलाई के लिए अच्छा होगा। डीएम ने यह पत्र शनिवार शाम को प्रधानों के नाम गढ़वाली बोली में जारी किया है।