ऋषिकेश पुलिस के जज्बे को सलाम, कोरोना पॉजिटिव महिला की अंत्येष्टि में निभाया फर्ज

-एम्स में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला की सीवियर स्ट्रोक पड़ने से हुई थी मौत

-पुलिस ने अंतिम संस्कार से लेकर परिजनों को घर पहुंचाने में पेश की मिसाल

-लॉक डाउन में चेकिंग, मदद करने में बेहतर भूमिका निभा रहे कोतवाल रितेश शाह

देहरादून। कोरोना संक्रमण की दहशत के बीच ऋषिकेश पुलिस ने कोरोना संक्रमित महिला का अंतिम संस्कार कर फर्ज, कर्तव्य और मानवता की अनूठी मिसाल पेश की है। यही नहीं पुलिस ने महिला के साथ आये परिजनों को घर (लालकुआं) पहुंचाने में भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। पुलिस के इस कार्य की न केवल तारीफ हो रही बल्कि हर कोई सल्यूट भी कर रहा है।

लॉक डाउन के बाद गढ़वाल की आवाजाही और मंडी के रूप में ऋषिकेश महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। एम्स बनने के बाद न केवल उत्तराखंड बल्कि आधा उत्तरप्रदेश भी ऋषिकेश से जुड़ गया है। ऐसे में यहां कानून व्यवस्था को बनाए रखना बड़ी चुनौती है। बावजूद इसके ऋषिकेश कोतवाल रितेश शाह की पुलिसिंग मिसाल कायम कर रही है। लॉक डाउन में लोगों की मदद करना तो ऋषिकेश पुलिस से सीखिए। लोगों को खाना, रहने की व्यवस्था के साथ ट्रक और दूसरी व्यवस्था से घर तक पहुंचाने में पुलिस हर दिन जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इस बीच उत्तराखंड में पहला कोरोना संक्रमित (एम्स प्रशासन का दावा है कि महिला कोरोना संक्रमित तो थी, लेकिन मौत दूसरी बीमारी से हुई) महिला की एम्स में मौत हुई थी। कोरोना संक्रमित के चलते महिला के करीब पीपीई किट पहने मेडिकल स्टाफ जाना में डर रहे थे। लेकिन पुलिस ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शव के अंतिम संस्कार में फर्ज निभाया। इस दौरान कोतवाल रितेश शाह ने खुद श्मशान घाट पर यह जिम्मेदारी निभाई। महिला का अंतिम संस्कार करने के बाद पुलिस ने परिजनों को घर पहुंचाने के लिए पास, वाहन की व्यवस्था की गई। ऋषिकेश पुलिस के इस तरह का मानवीय चेहरा देख हर कोई सल्यूट कर रहा है। इस बात में कोई शक नहीं कि कोरोना महामारी में असली कोरोना वॉरियर्स ऋषिकेश ही है , जो जोखिम के साथ फर्ज, कर्तव्य और मानव धर्म निभा रही है।

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