दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद तीन राज्यों में घूमा दून का मरीज, महंत इंद्रेश अस्पताल में कराई थी जांच

-जल निगम का रिटार्यड अधिकारी कैंसर से पीड़ित, अपोलो अस्पताल में कोरोना की पुष्टि

-दिल्ली जाने से पहले महंत इन्द्रेश अस्पताल में सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड कराया

-केस दिल्ली के खाते में जोड़ने से ज्यादा मरीज की हिस्ट्री पर देना होगा ध्यान

देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में कोरोना का एक ऐसा केस सामने आया जिसने दून से दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया। इस केस की जांच पॉजिटिव रिपोर्ट दिल्ली में सार्वजनिक होने के बावजूद मरीज कई दिनों तक रिपोर्ट छिपाए रखा। यहां तक कि दिल्ली से देहरादून तक तीन राज्यों का सफर भी कर गया। शनिवार को प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो यहां भी हड़कंप मच गया। आनन-फानन मरीजों को एम्बुलेंस से ऋषिकेश एम्स पहुंचाया गया। जहां मरीज ने अपनी कहानी बयां की तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। मरीज बुजुर्ग होने के साथ साथ कैंसर से जूझ रहा है। इधर, ज़िला प्रशासन का कहना है कि दिल्ली अस्पताल से सूचना न मिलना अपराध है। ऐसे में नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।

उत्तराखंड में कोरोना के कहने को तो मरीज 60 हो गए, लेकिन तकनीक रूप से प्रशासन 59 की गिनती कर रहा है। इसके पीछे बड़ा कारण है कि शनिवार को चमन विहार पटेलनगर के केस में उलझन है। हुआ यूं कि चमन विहार गली संख्या 11के रिटायर्ड अधिकारी कैंसर से पीड़ित है। 28 अप्रैल को दिल्ली जांच को गया। यहां अपोलो अस्पताल में 29 को जरूरी जांच कराई। 30 को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। मरीज के अनुसार अपोलो अस्पताल ने कोविड अस्पताल न होने से भर्ती के लिए मना कर दिया। इसके बाद बुजुर्ग रिटायर्ड अफसर दिल्ली से देहरादून को चल दिए। दिल्ली, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड राज्य के सील बॉर्डर पर मरीज की जांच हुई इसका कोई प्रमाण नहीं। यहां तक कि बुजुर्ग ने जांच में स्वयं को कोरोना पॉजिटिव बताया होगा, इसकी भी फिलहाल जानकारी नहीं दी। अब बात खुली तो मोहल्ले के लोगों को इसकी जानकारी लगी। इस पर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही कोरोना पॉजिटिव मरीज को एम्स शिफ्ट किया गया। मगर सवाल यह उठता कि जब कोई कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट वाला मरीन सीधे अपने घर छिप सकता है तो देश विदेश से आये मरीज क्यों नहीं। खैर बात यहीं तक नहीं ठहरती बल्कि जिस अस्पताल में इलाज किया और जांच रिपोर्ट आई, उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती की मरीज की हिस्ट्री राज्य या फिर स्थानीय पुलिस को बताई जाती। लेकिन अस्पताल ने अपनी जिम्मेदारी से हाथ खिंचते हुए मरीज को सीधे वापस भेज दिया। अब देहरादून के जिलाधिकारी का कहना है कि अस्पताल को नोटिस भेज कर जानकारी हासिल करेंगे।

 

यहां स्वच्छंद घूमे कोरोना पॉजिटिव

कोविद सकारात्मक रोगी बॉर्डर क्रॉस के बाद 
चमन विहार स्थिति अपने निर आया। 
यहां परिजनों से मिले। यहां एम्स ऋषिकेश 
संगरोध वार्ड में भर्ती हुुुआ है।

पिछले 28 दिनों में यात्रा का इतिहास -
1 आईएसबीटी रिलायंस ट्रेंड स्टोर 25 दिन पहले
 देखा गया।
2 श्री महंत इंद्रेश को चेकअप और कैंसर से 
संबंधित परीक्षणों के लिए।
3 अपोलो अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण के 
लिए 29.04.2020 को दिल्ली।
4 उन्होंने पिछले 45 दिनों से किसी भी मस्जिद 
का दौरा नहीं किया है।
5 उपरोक्त स्थानों के लिए विज़ के संबंध में 
परिवार के साथ उपलब्ध सभी सबूत।

 

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