उत्तराखंड में सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे प्राईवेट स्कूल, मनमानी की तो मान्यता रद्द
-प्राईवेट स्कूलों पर सरकार का तीसरा आदेश, अब खुद शिक्षा मंत्री को आना पड़ा आगे
-जिलाधिकारियों को दिए सीधी कार्रवाई के निर्देश, मनमानी करने वालों की सूची मांगी
देहरादून। उत्तराखंड में प्राईवेट स्कूलों की मनमानी पर सरकार ने फिर नकेल कस दी है। फीस वसूलने को बनाये जा रहे दबाव पर खुद शिक्षा मंत्री आगे आये। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान मंत्री ने साफ कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों में पढने वाले छात्रों से सिर्फ ट्यूशन फीस ली जाएगी। साथ ही स्कूल अनिवार्य रूप से एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाएंगे। इसका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने आज मुख्य सचिव के साथ सभी जिलों के जिला अधिकारियों के वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जरुरी निर्देश जारी किये। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा फिहाल कोई अतिरिक्त शुल्क नही लेंगे। शिक्षा मंत्री का कहना कि इस महामारी की घड़ी में वह अभिभावकों के साथ खड़े है, इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि सभी ट्यूशन फीस के अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क नही ले पाएंगे। सरकार के इस फैसले से अभिभावकों को लॉकडाउन के दौरान बड़ी रहत मिली है। शिक्षा मंत्री के निर्देश के अनुसार प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अब स्कूल बंद रहने के दौरान टोटल फीस में से लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, स्पोर्ट्स एक्टिविटीज की फीस से निजत मिलेगी। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने ये भी तय किया है कि हालात सामान्य होने के बाद अभिभावकों से ट्यूशन फीस एक साथ न लेकर फीस किस्तों में ली जयेंगी।
तो रद्द होगी स्कूलों की मान्यता
शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किये हैं। लॉक डाउन की वजह से एनसीईआरटी ने चार सिलेबस कम कर दिया है ,इसलिए सरकार ने जो नियम बनाया है कि सभी स्कूल एनसीईआरटी की पुस्तकों को ही चलाएंगे। सभी स्कूल तय कर ले कि स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की ही पुस्तकों को चलाएंगे। इसका पालन न करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी। साथ ही जो अधिकारी शिकायत मिलने पर भी स्कूलों के खिलाफ करावई नही करेंगे ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर उनके संज्ञान में कोई ऐसा मामला आता है कि कोई स्कूल एनसीईआरटी की पुस्तकें नही चला रहे है उनकी मान्यता हर हाल में रद्द की। इसके साथ ही सम्बंधित अधिकारीयों पर भी कार्रवाई तय की जाएगी।