सरकार ने चारधाम के देवस्थानम बोर्ड में विधायक गोपाल और महेंद्र को बनाया सदस्य

उत्तरकाशी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् बोर्ड में सदस्य के रूप में गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत औऱ बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट को भी समिति में सदस्य नामित किया है। दो विधायको को देवस्थानम बोर्ड में सदस्य बनाएं जाने से अब बोर्ड विधिवत गठित हो गया है। बोर्ड से अब चारधाम यात्रा संचालन की बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है।

सरकार ने गंगोत्री- यमुनोत्री, बदरीनाथ- केदारनाथ चारधाम और उनके आसपास के 51 मंदिरों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास, समुचित यात्रा संचालन एवं प्रबंधन के लिए तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद भी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन अधिनियम को बनाया गया था। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने 5 मार्च, 2020 के उपवेशन में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम 2019 के अंतर्गत विधानसभा के सदस्यों को बोर्ड में पदेन सदस्य के रूप में नामित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को प्राधिकृत किया गया था।इसी क्रम में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के विधायक गोपाल रावत व बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेंद्र भट्ट एवं को पदेन सदस्य के तौर पर नामित किया गया है।
म विधायक गंगोत्री गोपाल रावत ने कहा है कि राज्य सरकार ने जो जिम्मेदारी सौंपी उसका निर्वहन करने और चारधाम में व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने, यात्रियों के लिए ढांचागत सुविधाओं की स्थापना के लिए स्थानीय हकहकूकधारियों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

चारधाम और उनके आसपास के 51 मंदिरों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास, समुचित यात्रा संचालन एवं प्रबंधन के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को राजभवन की मंजूरी मिलने के बाद अब चारधाम देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में आ गया है। अधिनियम के तहत इस बोर्ड के गठन को राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद शासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। बोर्ड के सीईओ पद पर मंडलायुक्त रविनाथ रमन को जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। अब सदस्यों के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।

सरकार ने विधानसभा में गत वर्ष चारधाम देवस्थानम विधेयक पारित कराया था। राजभवन की मंजूरी के बाद यह अधिनियम बन चुका है और अब अधिनियम के तहत चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन की कसरत शुरू की गई। राज्यपाल से इसकी स्वीकृति मिलने के बाद सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर की ओर से बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई है।

अधिसूचना के मुताबिक बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। संस्कृति मामलों के मंत्री को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है। मुख्य सचिव, सचिव पर्यटन, सचिव वित्त व संस्कृति विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर तक के अधिकारी पदेन सदस्य होंगे। इसके अलावा टिहरी रियासत के राजपरिवार के एक सदस्य, हिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले तीन सांसद, हिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले छह विधायक, राज्य सरकार द्वारा चार दानदाता, हिंदू धर्म के धार्मिक मामलों का अनुभव रखने वाले व्यक्ति, पुजारियों, वंशानुगत पुजारियों के तीन प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे।

व्यवस्था में सुधार के लिए है बोर्ड

सीएम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चारधाम देवस्थानम अधिनियम चारधाम और उनके आसपास के मंदिरों की व्यवस्था में सुधार के लिए है। मकसद ये है कि यहां आने वाले यात्रियों का ठीक से स्वागत हो और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें। साथ ही बोर्ड भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करे।

सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने यह बातें कहीं। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि देवस्थानम एक्ट को लेकर कोर्ट ने कोई स्टे नहीं दिया है। उधर, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि उच्च न्यायालय ने देवस्थानम अधिनियम के संबंध में तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। तय अवधि में इस संबंध में कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया जाएगा।

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