मुखबा से गंगा की गंगोत्री को विदाई, खरशाली से कल यमुनोत्री रवाना होगी यमुना
–अक्षय तृतीया पर कल यात्रा सीजन के लिए खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट
-यादों में पहली बार इतनी सादगी के साथ मायके से विदा हुई गंगा की डोली
-पुजारियों ने मुहं पर मास्क पहनकर और सोशल डिस्टेंसिंग का किया पालन
देहरादून। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले आज( शनिवार) को गंगा की उत्सव डोली भोगमूर्ति के साथ मुखबा से विदा हो गई है। डोली रात को भैरव मंदिर (भैरवघाटी) में निवास करेगी। जबकि मां यमुना की डोली कल रविवार को खरशाली स्थित शीतकालीन मंदिर से यमुनोत्री को रवाना होगी। इसके बाद अक्षय तृतीया के शुभ मुहर्त पर दोनों धाम के कपाट दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इधर, यादों में पहली बार इतनी सादगी के साथ गंगा की डोली मुखबा को रवाना हुई। पुजारियों ने मास्क पहनने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया।
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट खुलने को लेकर जो उत्साह और उल्लास हर साल रहता था, वह इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नजर नहीं आ रहा है। मुखबा में एक दिन पहले ही देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच जाते थे। लेकिन इस बार श्रदालु तो दूर गंगा की विदाई को मायके के लोग भी नहीं पहुंच पाए। महज 20 से 50 लोग मुखबा में नज़र आये। इसमें भी अधिकांश लोग दूर-दूर खड़े नजर आए। श्री गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारी और पुजारियों ने भी मास्क पहनकर पूरी तरह से पूजा और डोली यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। मुखबा में आज सुबह सबेरे ही गंगा को विदाई से पहले भोग लगाया गया। इसके लिए मंदिर में चुनिंदा लोग एकत्र हुए। मुखबा में जरूरी औपचारिकता निभाने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली आज अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए निकली। गांव में जय गंगे के उदघोष के साथ उत्सव डोली मारकण्डेय मंदिर, भगवती मंदिर से होते हुए रात्रि विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर पहुंची। यहां से 26 अप्रैल यानी रविवार की सुबह आठ बजे मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। जहां विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दोपहर 12:35 पर सादगी के साथ भोग मूर्ति को गर्भ गृह में रखी जाएगी। इसके बाद मंदिर में अखंड ज्योति के दर्शन शुरू हो जाएंगे। पहली बार गंगा के गंगोत्री में पहुंचने पर साधु संत भी नज़र नहीं आएंगे। मंदिर के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि तय समय पर सादगी के साथ कपाट खोले जाएंगे।
यमुना को छोड़ने भाई शनि आज जाएंगे यमुनोत्री
यमुनोत्री धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के पर्व पर खुलेंगे। इससे पहले मां यमुना की खरशाली स्थित मंदिर में पूजा अर्चना की जाएगी। सुबह यमुना को विशेष भोग लगाने के बाद शनि महाराज की डोली के साथ यमुना की विदाई होगी। इस दौरान खरशाली, बीफ समेत आसपास गांव के लोग यमुना की विदाई में शामिल होंगे। करीब छह किमी पैदल दूरी तय करने के बाद यमुना की डोली ठीक11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंचेगी। जहां विधिविदान से कपाट खोले जाएंगे। भाई शनि बहन यमुना को धाम में छोड़ने के बाद वापस आएगा।
सिर्फ 21 लोगों को मिली अनुमति
कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन में गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के समय प्रशासन ने 21 लोगों को ही मंजूरी दी है। बेहद सीमित संख्या में लोग धाम खुलने के समय मौजूद रहेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखना होगा। पहली बार विदाई की रस्म में स्थानीय लोग भी शामिल नहीं हो पाए।
बाबा केदार के कपाट 29 को खुलेंगे
बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले जाएंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है। शीत कालीन निवास पर रावल भीमा शंकर पहुंच गए हैं । अभी तक ओंकारेश्वर की डोली वाहन से पहुंचाने की तैयारी है। धाम में बर्फ हटाने का काम चल रहा है। उधर, भगवान बदरीनाथ के कपाट की पूर्व की तिथि में संशोधन कर 15 मई नई तिथि तय की गई है। बदरीनाथ में भी जरूरी तैयारी शुरू हो गई है।