पीएम मोदी ने पौड़ी के मोहनलाल बौठियाल के साथ ताजा की पुरानी यादें
-जनसंघ से जुड़े भाजपा के वरिष्ठ नेता बौठियाल को आया पीएम मोदी का फोन
-बदरी-केदारनाथ और श्रीनगर की पुरानी मुलाकात पर की चर्चा, पूछी कुशलक्षेम
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को पौड़ी निवासी भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहनलाल बौठियाल को फोन कर जनसंघ की यादें ताजा की। कहा कि बदरी-केदारनाथ और श्रीनगर में उनकी मुलाकातें हमेशा अवस्मरणीय रहेगी। यह सुनते ही बौठियाल कुछ देर यादों में खो गए। बाद में पीएम मोदी ने विस्तार से उनकी कुशलक्षेम पूछी और इस संकट की घड़ी में स्वयं भी औऱ दूसरों को सुरक्षित और सतर्क रहने को कहा। पीएम ने करीब साढ़े तीन मिनट तक उनसे बात की
भाजपा वरिष्ठ नेता और जनसंघ से जुड़े मोहनलाल बौठियाल केे लिए बुधवार का दिन खास रहा। बौठियाल सन साठ से जनसंघ से जुड़ने के बाद पार्टी की सेवा कर रहे हैं। लेकिन आज यकीन नहीं हुआ कि उन्होंने पीएम से बात की। दरअसल, आज उन्हें सुबह सबेरे पीएमओ से फोन आया और कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी उनसे बात करेंगे। पीएम उनकी कुशलक्षेम और उनके योगदान को याद करेंगे।सुबह करीब 8बजकर 26 मिनट पर जब वे अपने गाँव एता में अपने खेतों की तरफ घूमने गए थे तभी ये फोन आया। फोन पर उनसे पूछा गया क्या मोहन जी बोल रहे है, प्रधानमंत्री जी बात करेंगे। फिर प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने उनसे लम्बी बातचीत की। लगभग तीन मिनट तक पीएम ने बात की। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज उन्होंने जनसंघ से जुड़े अपने पुराने लोगो से बात की इसी क्रम में आप से बात कर रहे है। ये समय संकट का है इसलिए वे सभी से बात कर रहे है। साथ ही दोनों ने अपनी केदरनाथ, बद्रीनाथ व श्रीनगर गढ़वाल की मुलाकातों को याद किया। बौठियाल ने कहा कि ये किसी कार्यकर्ता के लिए बहुत बड़ा सम्मान है कि जब देश का प्रधानमंत्री स्वयं फोन करके उनका हालचाल पूछता है।मोदी जी की यही खूबी उन्हें जननायक बनाती है। गोरतलब है कि मोहनलाल बौठियाल उत्तराखण्ड में बीजेपी के संस्थापको में से एक रहे है। सन 1958 में वे बाल स्वयं सेवक के तौर पर संघ से जुड़ गए थे। 1960 में वे जनसंघ से जुड़े ओर फिर19 77 में जनता पार्टी में फिर 1980 में भाजपा के सदस्य बन गए थे। तब से आज तक वह पार्टी से जुड़े हैं।उत्तराखंड में भाजपा को खड़ा करने के लिए सालोंसाल कठिन परिश्रम किया। वे राज्य बनने के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ पद पर रहे। पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, अनुशासन समिति के अध्यक्ष रहे। वही कई बार गढ़वाल लोकसभा के प्रभारी व पालक रहे है। 2014 से 20 तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे ।पिछली सरकार के समय वन निगम व जलागम प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रहे। विद्या भारती,रामजन्मभूमि आंदोलन व राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका रही है।उन्होंने ने कहा कि प्रदेश में पार्टी पुराने लोगो को भूल रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा अपने पुराने लोगो को याद किया जाना उन लोगो के लिए भी संदेश है जो आज पार्टी की चकाचौंध देख रहे, लेकिन उस त्याग समर्पण को मेहनत को नही देख रहे है, जिसकी बदौलत आज पार्टी इस मुकाम पर पहुँची है।