डीजी का फरमान,कोरोना योद्धाओं का फूलमालाओं से स्वागत गलत, लॉक डाउन तोड़ने पर न बनाएं मुर्गा

डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने राज्य की पुलिस को जारी किए दिशा निर्देश

-बोले अपराध किया तो करें मुकदमा, मामूली गलती पर उठक-बैठक की सजा ठीक नहीं

-इस महामारी में पुलिस आम लोगों से हैल्पिंग और मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं

देहरादून। कोरोना महामारी की विपदा से जूझ रही जनता के साथ पुलिस की अमानवीय कार्रवाई पर डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने भी आपत्ति जताई है। कहा कि लॉक डाउन में बाहर निकल रहे लोगों को “मुर्गा बनाने या उठक-बैठक कराने जैसे अनऑर्थोडॉक्स तरीके पुलिस न अपनाएं। इसके अलावा कोरोना वॉरियर्स का आभार और सम्मान करने वाले भी फूलमाला न पहनाएं। इससे वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण पर पुलिस सबसे ज्यादा जूझ रही है। अपनी जान जोखिम में डालकर पुलिस कर्मी 20 मार्च से कोरोना बचाव को लेकर जंग लड़ रही है। इस बीच लॉक डाउन होने से पुलिस बॉर्डर, बाजार, अस्पताल, सड़क और गली-मोहले तक व्यवस्था बनाने के जूझ रही है। इससे पुलिस को कई बार लॉ एंड आर्डर बनाने में कानून के विपरीत हथकंडे अपनाने पड़ रहे है। ताकि लॉक डाउन तोड़ने वालों को काबू किया जा सके। मगर, पुलिस की यह कार्रवाई सोशल मीडिया में वॉयरल होने तथा कई बार नियम का पालन करने वालों पर भी भारी पड़ रही है। इससे जरूरी काम के लिए जाने वालों को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है। इस तरह के मामले पुलिस मुख्यालय के सामने आए। इस पर मंगलवार को डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने सोशल मीडिया फेसबुक पेज और अन्य माध्यम से पुलिस को अपील भरे निर्देश जारी किए। डीजी ने पुलिस जवानों को निर्देशित किया है कि लाॅकडाउन का उल्लंघन कर अनावश्यक रूप से सड़कों पर घूमने वालों पर कानून के अन्तर्गत कार्रवाई की जाए। उन्हें मुर्गा बनाने या उठक-बैठक करने जैसी सजा देने से दूरी बनाई जाए। पुलिस को लोगों के प्रति हैल्पिंग और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना है। हमें संयम और सतर्कता को नहीं खोना है। हमारी छवि सकारात्मक होनी चाहिए। क्योंकि ये सब हम जनता के लिए ही कर रहे हैं। जनता को लाॅकडाउन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने साफ कहा कि यदि कोई सॉरी मांगता है तो उसको माफ किया जाना चाहिए। जबकि जबरन कानून तोड़ने वाले के खिलाफ सीधा मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।

 

कोरोना योद्धाओं का फूल मालाओं से स्वागत ठीक नहीं

डीजी ने कहा कि कोरोना की जंग लड़ रहे मेडिकल और पुलिस कर्मियों का सम्मान और उत्साहवर्द्धन फूल मालाओं से की जा रही है। यह फूल कहां से आ रहे, इनको सेनेटाइजर किया कि नहीं। फूल-माला पहनाने वाले कहीं वायरस के वाहक तो नहीं जैसी गलती हो सकती है। ऐसे में माला पहनाकर स्वागत या सम्मान करने से भी दूरी बनाए जाए। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता है और इससे वायरस संक्रमण होने की सम्भावना बनी रहती है। यह सभी की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि आप इन सब से बचे रहें। डीजी में कहा कि यदि सम्मान और उत्साह बढ़ाना है तो इसके दूसरे तरीके अपनाएं। जैसे दूर से कुछ शब्द बोलें, सोशल मीडिया में काम की तारीफ करें, लोगों को जागरूक करें जैसे कदम उठाएं।

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