देहरादून का एफआरआइ 28 दिन बाद सील मुक्त, आईजीएनएफए में जारी रहेगी पाबंदी

उत्तराखंड में एफआरआइ से आये थे सबसे पहले तीन ट्रेनी आईएफएस कोरोना संक्रमित

-19 मार्च को पूरा एफआईआर परिसर को कर दिया था सील, सभी लोग रखे गए क्वारंटाइन

-सीएमओ के पत्र पर डीएम देहरादून ने दिए सील खोलने के आदेश, लॉक डाउन का होगा पालन

देहरादून। उत्तराखंड के एफआरआइ (वन अनुसंधान संस्थान)  को सील मुक्त कर दिया है। डीएम देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने सीएमओ की रिपोर्ट पर यह आदेश दिए हैं। एफआरआइ में वह स्थान है, जहां राज्य में सबसे पहले तीन ट्रेनी आईएफएस कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद 19 मार्च से एफआरआइ को 28 दिन के लिए क्वारंटाइन करते हुए सील कर दिया था। अब तीनों कोरोना पॉजिटिव ठीक हो चुके हैं और परिसर में रहने वाले लोग भी 28 दिन की क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर चुके हैं। ऐसे में अब एफआरआइ में भी लॉक डाउन के सामान्य नियम लागू होंगे। हालांकि परिसर स्थित आइजीएनएफए (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी) में पाबंदी बरकरार रखी गई है।

एफआरआइ परिसर स्थित आइजीएनएफए का एक दल फरवरी में विदेश भ्रमण पर गया था। मार्च पहले पखवाड़े में दल स्पेन से देहरादून लौटा था। 15 मार्च को यहां ट्रेनी आइएफएस कोरोना संक्रमित पाए गए। इनके संपर्क में परिसर के कई लोग आए थे। इसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरे परिसर में आवाजाही बंद कर सील कर दिया था। अब तीनों कोरोना पॉजिटिव दून अस्पताल में स्वस्थ होने के बाद घर पहुंच गए हैं। इसके अलावा यहां अन्य कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया। शुक्रवार को डीएम आशीष श्रीवास्तव ने परिसर को सीलमुक्त कर दिया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि परिसर में लॉक डाउन अब सामान्य रहेगा। यहां के लोग भी अब सुबह 7 से 1 बजे तक जरूरी सामान और कार्यों के लिए निकल सकते हैं, बशर्तें वह सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन का पालन कर रहे हो। इसके साथ ही यहां निवास करने और पढ़ने वाले आइएफएस अधिकारियों समेत 1500 से अधिक लोगों के बाहर निकलने में अब परेशानी नहीं होगी। अनुमति मिलने पर वह  दैनिक जरूरतों की पूर्ति कर सकेंगे। हालांकि डीएम ने अपने आदेश में आइजीएनएफए परिसर, दफ्तर में आवाजाही को पूरी तरह से पाबंद रखने के निर्देश दिए हैं। यहां बनाए गए क्वारंटाइन और आईसोलेशन केंद्र को यथावत रखने के निर्देश दिए गए।

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