उत्तराखंड में कर्मचारियों को वेतन न देने वाले संस्थानों की रिपोर्ट तलब

निजी शिक्षण संस्थान पर लॉक डाउन में आधा और पूरा वेतन काटने का आरोप

-उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने प्रमुख सचिव से प्रकरण में मांगी रिपोर्ट

-वेतन देने में मनमानी करने वालों के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई के दिए गए निर्देश

देहरादून। लॉक डाउन के चलते निजी शिक्षण संस्थान कर्मचारियों का वेतन काटने में मनमानी करने लगे है। कुछ संस्थानों ने इस सम्बंध में गुपचुप कार्रवाई की तो सरकार तक मामला पहुंच गया। इस पर राज्य के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने राज्य में स्थापित और विश्वविद्यालयों से सम्बद्धता वाले शिक्षण संस्थानों को कड़े निर्देश जारी कर दिए है। मंत्री ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को निर्देश दिए कि ऐसे शिक्षण संस्थानों को चिन्हित कर सीधी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा की जा रही मानमानी का संज्ञान लिया। सरकार को विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्राप्त हुई कि प्रदेश के कई निजी शिक्षण संस्थान अपने कर्मचारियों के साथ मनमानी पर उतारू हैं। ये शिक्षण संस्थान अपने कर्मचारियों को वेतन देने में आनाकानी कर रहे है या फिर आधा वेतन देकर इतिश्री कर रहे हैं। प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों पर लग रहे गंभीर आरोपों का संज्ञान लेते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा डाॅ आनंदवर्द्धन को निर्देशित किया कि ऐसे शिक्षण संस्थान जो लाॅकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रहे या आधा-अधूरा वेतन दे रहे हैं, के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई अमल में लायी जाय। मंत्री ने निर्देश दिये कि ऐसे संस्थानों के खिलाफ विश्वविद्यालय स्तर पर कठोर कार्यवाही की जाय। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने इस आशय की सूचना संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा संबद्ध शिक्षण संस्थानों को प्रेषित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि इसके अनुपालन के लिए संबद्धता से संबंधित विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाय। मंत्री डॉ रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पचले ही देश व प्रदेश भर के सभी निजी संस्थानों से अपील की गई थी कि कोरोना संकट से उपजे हालाते को देखते हुए लाॅकडाउन अवधि का वेतन अपने कर्मचारियों को नियत समय पर दिया जाए। इसके बावजूद विभिन्न माध्यमों से शिकायतें मिल रही हैं कि कई संस्थान वेतन देने में अनाकानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों के खिलाफ संबंधित विश्वविद्यालय स्तर पर कठोर कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं। वहीं प्रमुख सचिव स्तर से इस संबंध में विश्वविद्यालयों को आदेश निर्गत कर दिए गए हैं।

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