नेहरू कॉलोनी पुलिस बनी गरीबों की मददगार, 124 परिवारों को लिया गोद
-डीआईजी अरुण मोहन जोशी के निर्देश पर पेश की अनूठी पहल
-अपना परिवार का संकल्प लेते हुए पूरे लॉक डाउन में मदद करेगी पुलिस
-ऋषिकेश,राजपुर, पटेलनगर समेत अन्य थानों की पुलिस भी जुटी गरीबों की मदद में
(थानाध्यक्ष दिलवर नेगी)
देहरादून। कोरोना महामारी में विपदा से जूझ रहे 124 परिवारों के लिए नेहरू कॉलोनी पुलिस मसीहा बनी। डीआईजी अरुण मोहन जोशी के निर्देश पर थानाध्यक्ष दिलबर सिंह नेगी ने अनूठी पहल करते हुए 124 परिवारों को अपना परिवाhर मनाकर गोद ले लिया है। लॉक डाउन तक सिपाही से लेकर दारोगा अपने हिस्से आये परिवार को सभी जरूरत का सामान और सहायता मुहैया कराएगा। इसके लिए सभी ने थाने में संकल्प लेते हुए गोद लिए परिवारों की जिम्मेदारी ली है।
कोरोना महामारी के संकट में यूं तो दानवीर और मददगार संकट में आने वालों की खिलकर मदद कर रहे हैं। इसमें उत्तराखंड पुलिस की जितनी तारीफ की जाए कम है। 24 घण्टे की ड्यूटी के साथ पुलिस का सिपाही से लेकर अधिकारी मदद को आगे आ रहा है। कुछ इसी तरह गरीब, बेरोजगार, बुजुर्ग, असहाय जैसे लोगों की मदद को थाना नेहरू कॉलोनी ने अनूठी तरकीब अपनाई है। नेहरू कॉलोनी पुलिस के सभी सिपाही से लेेेकर दारोगा और खुद थानाध्यक्ष दिलवर सिंह नेगी ने थाना एरिया के कुल 124 परिवारों को अपना परिवार और एक सिपाही एक परिवार मुहिम का संकल्प लिया है। इस मुहिम में एक शपथ पत्र भरा गया। इसमें गोद लिए गए परिवार का नाम और पता लिखा गया। इसके साथ परिवार को गोद लेने वाले पुलिस कर्मी का भी नाम लिखा गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि नेहरू कॉलोनी पुलिस के सभी अधिकारी, कर्मचारियों ने आपस मे एक सहमति बनाई की हम सभी अपने-अपने एरिया के एक- एक परिवार को अपना परिवार मानकर लॉक डाउन तक भोजन, राशन की जिम्मेदारी लें। इस प्रकार इस मुहिम को *एक सिपाही एक परिवार* के तहत चलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके 98 सिपाहियों ने कुल 98 परिवार (प्रत्येक को एक परिवार ) तथा प्रत्येक दरोगा ने 2 परिवार को अपना परिवार मानकर उनको भोजन राशन देने की अपनी जिम्मेदारी ली है। इस हिसाब से थाना नेहरू कॉलोनी के 113 पुलिस कर्मियों द्वारा 124 परिवारों को अपना परिवार मानकर लॉक डाउन तक उनको राशन, भोजन, दवाई आदि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली गयी है। थाना पुलिस की इस पहल की डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने भी तारीफ की है। कहा कि पुलिस की इस तरह की मदद गरीब और जरूरतमंद को संकट से उभारने में मदद करेगी।