डीजी का फरमान, श्रमिकों और छात्रों से मकान खाली कराया तो मालिक पर मुकदमा
–लॉक डाउन में श्रमिकों को पूरी मजदूरी देंगे मालिक, शिकायत मिली तो पुलिस करेगी कार्रवाई
-जबरन घर खाली कराया या किराया मांगा तो पुलिस को करें शिकायत
-लॉक डाउन के दौरान अनावश्यक मूवमेंट न करने की अपील, सभी व्यवस्था मुहैया होगी
देहरादून। उत्तराखंड में किराये में रहने वाले श्रमिकों और छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। यदि कोरोना संक्रमण पीरियड के दौरान कोई मकान मालिक उनसे जबरन कमरा खाली कराएगा या किराये की मांग करेगा तो सम्बन्धित के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करेगी। इस सम्बंध में सभी एसपी और एसएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि राज्य में कुछ मकान मालिक या कारोबारी श्रमिकों को परेशान कर रहे है। दुकान, होटल, ढाबे, फ़ैक्टरी, निर्माण या दूसरे काम मे लगे मजदूरों को मजदूरी या तय मानदेय नहीं दिया जा रहा है। काम बंद होने पर मजदूरों को डराया या पैसा देने से मना किया जा रहा है। डीजी ने ऐसे मकान मालिकों को सख्त निर्देश दिए कि वह मजदूरों का शोषण बंद करें। जिसकी जितनी मजदूरी है, वह दी जाए। मजदूरों को खाने, रहने की पूरी व्यवस्था कराएं। इसी तरह मजदूरों का घर खाली न कराएं। मजदूरों को कोरोना संक्रमण काल में बेवजह किराया देने को दबाव न बनाया जाय। इसके अलावा महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने उत्तराखंड के समस्त जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्गत आदेश का पालन कराएं। लॉक डाउन के दौरान सभी मालिकों द्वारा अपने श्रमिकों को पूरी तनख्वाह दिलाने के निर्देश देें। साथ ही जितने भी छात्र एवं श्रमिक जिस भी मकान मालिक के यहां रह रहे थे उनको वहां से जबरदस्ती खाली नहीं कराया जाएगा। जो भी मालिक या मकान मालिक इसका उल्लंघन करेगा उनके विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जाए। सभी छात्रों एवं श्रमिकों से अनुरोध किया गया है कि कोराना वायरस के विरूद्ध इस लड़ाई को सफल बनाने के लिए अनावश्यक मूवमेन्ट न करें। उत्तराखण्ड पुलिस आपकी सेवा में है।
बिना काम भी मजदूरों को मिलेगा वेतन
देहरादून के डीएम आशीष श्रीवास्तव ने सभी फैक्टरी, दुकान, होटल, आदि करोबारियों को सख्त आदेश दिए कि बिना काम के भी मजदूरों को पूरा वेतन दें। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस सम्बन्ध में सभी को लिखित आदेश भी दे दिया है। इसके अलावा स्कूल संचालकों को भी एक माह की फीस न लेने के निर्देश दिए है।