कोरोना पर डीएम रुद्रप्रयाग बोले “आपण गोंकी औरों की मौ भी घाम लगै देंण छा”

‘मेरु गों मैं बचेलु’ का संकल्प लें गांव लौटने वाले हर प्रवासी

-गढ़वाली बोली में कड़ी चेतावनी के साथ ग्रामीणों को बचाव की अपील 

-सोशल मीडिया में खूब पसंद की जा रही डीएम की अपील, साढ़े तीन मिनट की वीडियो 

-जनपद के हर गांव को लेकर जता रहे चिंता, नियम और कानून की दे रहे जानकारी

देहरादून। रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने पहाड़ के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव को गढ़वाली बोली में जागरूकता को अनूठी पहल की है। डीएम लोगों को गढ़वाली बोली में सख्त लहजे में कह रहे हैं कि आप लोग जिस तरह से गांव कस्बों में लॉक डाउन का उल्लंघन कर मौज मस्ती कर रहे हैं, उससे गांव के दूसरे परिवार भी खतरे में पड़ जाएंगे। डीएम ने कुछ इस तरह गढ़वाली बोली में कहा कि “….आप लोगों न गोंकी औरों की मौ भी घाम लगै देंण छा” डीएम की यह अपील हर किसी के दिल को छू रही है। इसकी सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच भी खूब तारीफ हो रही है।

कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर देश के प्रधानमंत्री से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री और दूसरे जिम्मेदार लोग अपने अंदाज में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। लेकिन रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) के डीएम मंगेश घिल्डियाल कुछ अलग अंदाज में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। ठेठ पहाड़ी अंदाज में सख्त लहजे में जागरूकता, चिंता, अपनत्व का दर्द डीएम के एक एक शब्दों में निहित है। वह लोगों को कानून की याद और महामारी से उपजने वाले हालातों को भी बयां कर रहे हैं। वह दिल्ली, मुंबई,पूना, बंगलौर, गुड़गांव, जैसे महानगरों से आने वालों को कह रहे हैं कि अपने गांव के लोगों को सुरक्षित रखना चाहते तो वहीं रहो जहां पर हैं। यदि घर भी आ रहे तो पूरी तरह से 14 दिन अलग कमरे में निगरानी में रहें। तुम्हारी वजह से दूसरों की जान खतरे में न पड़ जाए। इस बात का पूरा ख्याल रखें। उल्लेखनीय है कि डीएम मंगेश उत्तराखंड के कुशल, ईमानदार और लोकप्रिय अधिकारियों में शूमार हैं। पहाड़ की तरक्की को लेकर वह अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। बहरहाल डीएम मंगेश ने जिस तरह से साढ़े तीन मिनट की वीडियो में लोगों से मार्मिक अंदाज में कानून के पालन की अपील की है, वह हर किसी के मन को छू रही है।

 

गांव में नहीं लेना चाहता कोई दुश्मनी

बाहर से आने वालों के खतरों को भांपते हुए भी गांव के लोग चुप्पी साधे हुए हैं। डीएम कह रहे हैं कि गांव में कोई भी दूसरे से दुश्मनी नहीं लेना चाहता है। ऐसे में बाहर से गांव आये प्रवासी खुले आम क्रिकेट, फुटबॉल, पार्टी कर रहे हैं। यहां तक की जबरन दूसरों के घर जाकर गपशप भी लगा रहे हैं। जो दूसरों के जीवन से सीधा खिलवाड़ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *