दून अस्पताल में कोरोना से लड़ कर जीता ट्रेनी आईएफएस, चार का चल रहा इलाज
-दूसरी बार भी नेगिटिव आई ट्रेनी आईएफएस की रिपोर्ट, कुछ दिन घर पर निगरानी में रहने की सलाह
-दून में तीन और कोटद्वार में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज का चल रहा इलाज
-कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर कुछ संदिग्धों के सैम्पल भेजे गए जांच को
देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर अच्छी खबर है। दून अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमण एक ट्रेनी आईएफएस की दूसरी रिपोर्ट भी नेगिटिव आई है। अब यहां तीन और कोटद्वार में एक कोरोना पीड़ित मरीज भर्ती है। हालांकि कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण दिखने पर कई संदिग्धों के सैम्पल हल्द्वानी स्थित लैब में जांच को भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही मरीजों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी।
उत्तराखंड में सबसे पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के तीन ट्रेनी आईएफएस में कोरोना संक्रमण पाया गया। यह सभी 28 फरवरी को ऑफिशियल ट्रेनिंग के लिए स्पेन गया थे। 11 मार्च को सभी देहरादून स्थित अकादमी में पहुंचे थे। यहां कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर इनके सैंपल जांच के लिए लैब भेेेजेे गए। इस दौरान एक के बाद एक सैंपल पॉजिटिव आये थे। रिपोर्ट आने के बाद तीनों को दून अस्पताल के आईशोलेशन वॉर्डके भर्ती किया गया। जहां कुछ दिन पहले एक ट्रेनी आईएफएस की रिपोर्ट नेगिटिव आई थी। कुछ दिन इलाज के बाद सैम्पल दुबारा जांच को भेजा गया। शुक्रवार को भी दूसरी रिपोर्ट नेगिटिव आई। इसके बाद आईएफएस ने राहत की सांस ली। अब दून अस्पताल के दो ट्रेनी आईएफएस और एक अमेरिकी नागरिक भर्ती है। जबकि कोटद्वारके स्पेन से लौटा युवक भर्ती है। अब राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पांच से घटकर चार हो गई है। यह बात राज्य के लिए सुखद है कि एक मरीज की रिपोर्ट दूसरी बार भी नेगिटिव आई है। हालांकि अभी कोरोना जैसे लक्षण मिलने पर कई संदिग्धों की जांच रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। रिपोर्ट आने के बााद ही मरीजों की संख्या का असली आंकड़ा सामने आ सकेगा।
बीमारी से डरने की नहीं लड़ने की जरूरत
कोरोना संक्रमण से ठीक हुए ट्रेनी आईएफएस ने कहा कि कोरोना बीमारी से घबराने और डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। इस बीमारी से लड़ने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है डॉक्टरों की सलाह और परहेज। इसके साथ ही कोरोना की रोकथाम को जारी सरकार की गाइडलाइन का पालन भी करें। कहा कि यह बीमारी शारीरिक और मानसिक समस्या की तरह है।कहा अगर डॉक्टरों की पूरी सलाह मानी जाए तो यह बीमारी एक दम ठीक हो सकती है।
अस्पताल स्टाफ का जताया आभार
ठीक हुए ट्रेनी आईएफएस ने दून अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, कैंटीन संचालक और अन्य कर्मचारियों का आभार जताया है। कहा कि अपनी जान की परवाह न कर इन लोगों ने उनकी जान बचाई है। वह उनके इस सहयोगी के लिए हमेशा आभार जताएंगे।
संदिग्ध की रिपोर्ट निगेटिव आने से राहत
श्रीनगर के कीर्तिनगर क्षेत्र से बेस अस्पताल में कोरोना संदिग्ध युवती की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है। यह सैम्पल विभाग ने जांच को 24 मार्च को भेजा था। डीएम पौडी धीराज गब्याल ने युवती की रिपोर्ट निगेटिव आने की पुष्टि की है। यह युवती दिल्ली के पास गुडगांव में नौकरी करती थी। रिपोर्ट निगेटिव आने से पूरे अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली है। कहा कि युवती की रिपोर्ट निगेटिव आयी है जो अच्छी बात है, किंतु अभी भी सभी को जागरूक रहने की जरूरत है और सरकार के आदेशों का हरके नागरिक का कर्तव्य है की पालन कर प्रशासन का सहयोग करें। इधर , रिपोर्ट नेगिटिव आने से अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ में भी राहत की सांस ली है।
श्रीनगर में एक युवती की रिपोर्ट का इंतजार
बेस अस्पताल में 25 मार्च को श्रीनगर क्षेत्र की एक युवती अभी अस्पताल में भर्ती हैं, उसकी रिपोर्ट आनी बाकी है, जो महाराष्ट्र से पहुंची थी अपने घर। अब अस्पताल प्रशासन और परिजनों को उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार होगा।