उत्तराखंड में प्रमोशन पर लगी रोक हटी, हजारों कार्मिंकों को मिलेगा लाभ
-मुख्य सचिव ने जारी किया शासनादेश, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगी रोक हटाई
-राज्याधीन सेवाओं, निगमों आदि में सरकार ने लम्बे समय से लगाई थी रोक
देहरादून। उत्तराखंड में प्रमोशन (पदोन्नति) में लगी रोक को सरकार ने हटा दिया है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शासनादेश जारी कर कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी है। इधर, प्रमोशन पर लगी रोक हटने के बाद राज्याधीन सैकड़ों कार्मिंकों को इसका लाभ मिल जाएगा। देर शाम कर्मचारी संगठनों के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर विधिवत हड़ताल को समाप्त करने का ऐलान किया। इसके साथ ही राज्य में 16 दिनों से ठप पड़े विकास कार्य भी गुरुवार से शुरू हो सकेंगे। साथ ही विभागों में भी कई दिनों से छाया सन्नाटा चहल पहल में बदल जाएगा।
उत्तराखंड में लंबे समय से पदोन्नति पर रोक लगी थी। इसे लेकर ओबीसी- जनरल और एससी- एसटी से जुड़े कर्मचारी संगठन आंदोलनरत हैं। यही नहीं अपनी अपनी मांग मनवाने को कर्मचारी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने जनरल ओबीसी के पक्ष में अपना फैसला दिया। मगर, इसके खिलाफ एससी-एसटी कर्मचारी भी कोर्ट चले गए। इस पर सरकार ने सितंबर 2019 को प्रमोशन पर रोक लगा दी थी। इसे लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सरकार की रोक के चलते सैकड़ों कार्मिक हर माह प्रमोशन के बिना ही रिटायर (सेवानिवृत्त) हो रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी स्थिति स्पष्ट कर चुका है। बावजूद विभागाध्यक्ष और नियुक्ति अधिकारी इस मामले में शासन से दिशा निर्देश मिलने के इंतजार में चुप्पी साधे हुए थे। इस बीच कर्मचारियों के संगठन दो मार्च से हड़ताल पर चले गए थे। इससे तमाम विकास कार्य पर प्रभावित हो रहे थे। हड़ताल से जनता भी परेशान थी। मगर , बुधवार को शासन में हुई कर्मचारियों की वार्ता के बाद सरकार ने प्रमोशन पर लगी रोक को हटा दिया है। मुख्य सचिव ने शासनादेश जारी करते हुए प्रमोशन पूर्व की भांति किये जाने के आदेश दिए हैं। सरकार की तरफ से शासनादेश जारी होने को कर्मचारी अपनी जीत बता रहे हैं। हालांकि अभी आंदोलन की अगली रूपरेखा पर मंथन चल रहा है। इससे पहले कर्मचारी संगठनों का शिष्टमंडल देर शाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर आभार जताया। इसके बाद हड़ताल को स्थगित करने की औपचारिक घोषणा की। कर्मचारी नेता पंचम सिंह बिष्ट, प्रताप पंवार, अरुण पांडेय, रमेश चन्द्र पांडेय ने बताया कि प्रमोशन पर लगी रोक हटने से सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। साथ ही रिक्त पदों पर नई भर्ती भी शुरू हो सकेगी। उन्होंने सरकार का आभार जताया।
इसलिए विरोध में आये कर्मचारी संगठन
उत्तराखंड सरकार की प्रभावी पैरोकारी के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने सात फरवरी 2020 को स्पष्ट आदेश जारी कर दिया था। उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच ने कहा कि कोर्ट का जारी आदेश “जजमेन्ट इन रैम्प ” है, ऐसे में इस आदेश के बाद उत्तराखंड शासन का 11-09-2019 को पदोन्नति में रोक लगाने संबंधी आदेश स्पष्ट रूप से स्वत: ही निष्प्रभावी हो जाता है । इसके बावजूद पदोन्नति में लगाई गयी रोक पूरी तरह से गलत है। मंच विकास में बाधक हड़तालों के प्रति जवाबदेही तय कराये जाने को लेकर मुखर हैै।