भूस्खलन में कार के अंदर फंसे युवकों के लिये देवदूत बनी एसडीआरएफ
-तीन धारा के पास कार में फंसे थे दो युवक, सेंट्रल लॉक तोड़ बचाई जान
-रेस्क्यू करते ही मौके पर टूट गई बड़ी चट्टान, कार समेत सुरक्षित बचाए
-रुद्रप्रयाग से देहरादून जा रहे थे एसडीआरएफ के दो सिपाही और चालक
देहरादून। रिषिकेश बदरीनाथ हाईवे के तीन धारा में भूस्खलन के कारण कार में फंसे दो युवकों के लिये एसडीआरएफ के सिपाही देवदूत बन गए। अपनी जान की परवाह न कर सिपाहियों ने मलबे में फंसी कार और युवकों को कड़ी मेहनत कर सुरक्षित बचा लिया। सिपाहियों के इस जज्बे और साहस की हर किसी ने तारीफ कर सल्यूट किया।
शुक्रवार को तीन धारा (शिव मूर्ति) के करीब पहाड़ी से सरकी एक चट्टान के मलबे ने वहां से गुजरती एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस कार में दो युवक सवार थे। मलबा गिरते ही कार का सेंट्रल लॉक लॉक हो गया। युवकों ने काफी कोशिश की मगर दरवाजे नहीं खुले। इससे दोनों व्यक्ति कार के अंदर फस गए। पहाड़ी से लगातार मलबा आने के कारण कोई भी कार के पास युवकों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। पहाड़ी से गिरते पत्थरों को देख कर कोई भी अन्य यात्री सहायता की हिम्मत नही कर पाया ।उसी समय एसडीआरएफ रुद्रप्रयाग यूनिट से कांस्टेबल पुष्कर मेहता, अमित राठौर तथा उपनल चालक नंदकिशोर देहरादून जा रहे थे। मौके पर भीड़ और मलबे में कार फंसी देख वो उतरे और पूरी घटना की जानकारी ली। एसडीआरएफ के तीनों कर्मियों द्वारा तुरंत कार के पास पहुंचकर अंदर फंसे दो युवकों को निकालने की कोशिश।किंतु कार पूरी तरह से लॉक थी। इसी बीच नंदकिशोर ने शीशा तोड़कर गाड़ी के अंदर से दरवाजा खोलना चाह। लेकिन नहीं खुला। इसके बाद सेंट्रल लॉक तोड़ने केे बाद तीनों ने मिलकर दोनों युवकों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले गए। इसके बाद धक्का मार कर कार को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। जान हथेली पर रखकर जैसे रेस्क्यू पूरा हुआ घटना स्थल पर बड़ी चट्टान टूट गई। समय रहते रेस्कयू न किये जाने पर किसी अनहोनी से भी इनकार नही किया जा सकता था। अपने साहसिक कदम एवं मानव सेवा की भावना से एसडीआरएफ सिपाहियों ने जो साहस दिखाया मौके पर मौजूद लोगों ने खूब तारीफ की। युवकों ने भी जान बचने पर सिपाहियों का आभार जताया।
एसडीआरएफ सिपाहियों का यह प्रयास सराहनीय है। बिना किसी सूचना के जान की परवाह न कर सिपाहियों ने जो कार्य किया है, उसका सिपाहियों को इनाम दिया जाएगा। राज्य में एसडीआरएफ रेस्क्यू कार्य में देवदूत की भूमिका निभा रहे हैं। सिपाहियों का यह कार्य विपदा में फंसे लोगों की मदद करने वालों के लिए प्रेरणा दायक है।
तृप्ति भट्ट, कमांडेंट, एसडीआरएफ उत्तराखंड