गैरसैंण में बर्फबारी के बीच चला बजट सत्र, पहाड़ की चुनोती से वाकिफ हुए नेता-अफसर
देहरादून। गैरसैंण का बजट सत्र कई मयानों में ऐतिहासिक हो गया है। ग्रीष्मकालीन राजधानी की खुशी के बीच बर्फबारी ने बजट सत्र को यादगार बना दिया है। सत्र के बीच बर्फबारी का मंत्रियों, विधायकों और अफसरों ने खूब लुत्फ उठाया। खुशी से झूमते हुए बर्फ में फोटोग्राफी के साथ बर्फ के गोले बनाकर एक दूसरे पर फेंके गए। इधर, बेमौसमी बर्फबारी ने सरकार को पहाड़ की पीड़ा और समस्याओं के सच से भी रूबरू करा दिया। बर्फबारी के बाद बढ़ी ठंड, बिजली पानी का संकट और सड़कें बंद होने जैसी समस्याओं से अक्सर प्रभावित जनजीवन को सरकार ने करीबी से देख लिया। ऐसे में बजट सत्र के दौरान बर्फबारी के खट्टे-मीठे अनुभव का लाभ निश्चित ही पहाड़ के विकास में मिलेगा।
गैरसैंण में बजट सत्र के लिए राज्यभर के विधायक, मंत्री, शासन से लेकर पुलिस प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं। दो दिन से सत्र खुशनुमा मौषम के बीच चला। बजट जारी करने के साथ ही सरकार ने राज्य को ग्रीष्मकालीन राजधानी का तोहफा दिया। इसकी खुशी का इजहार अभी राज्यभर में चल ही रहा था कि शुक्रवार को बजट सत्र के बीच भारी बर्फबारी ने खुशी के साथ चिंता बढ़ा दी। हालांकि बर्फबारी पर गैरसैंण में मंत्री से लेकर विधायक खुशी जाहिर करते दिखे। लेकिन ठंड बढ़ने से वहां पर्याप्त व्यवस्था न होने से चिंता भी साफ झलकी। बर्फबारी के बीच बजट सत्र कई मामलों में यादगार साबित होगा। खासकर बर्फबारी से अक्सर पहाड़ में बढ़ने वाली समस्याओं से मंत्री, विधायक और शासन के अधिकारी भी रूबरू हुए हैं। बहरहाल बर्फबारी ने गैरसैंण को सफेद चादर से ढक दिया है। यह बर्फ भगवान बोले नाथ की धरती है। बर्फबारी में हम तो एक दो दिन लुत्फ उठाएंगे। लेकिन यहां की जनता छह माह तक समस्याएं झेलती है। सरकार के सामने यह बर्फबारी निश्चित ही पहाड़ की समस्याओं से रूबरू कराने का एक मौका है। इससे सरकार को पहाड़ की समस्याओं के प्रति संजीदा होना पड़ेगा।
हरीश धामी, विधायक
हीटर ढूढ़ते नज़र आये अफसर
गैरसैंण बजट सत्र में शामिल होने गए अधिकारी और कर्मचारी ठंड बढ़ने के बाद हीटर ढूंढते नज़र आये। वहीं कुछ अधिकारी कमरों में अतिरिक्त कंबल और रजाई की व्यवस्था में करते देखे गए। बिजली गुल न हो जनरेटर आदि को लेकर भी अफसरों में चिंता दिखी।
पुलिस को हुई ज्यादा दिक्कतें
गैरसैंण में सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। कुछ पुलिस कर्मियों को को टेंट और दूसरे अस्थायी ठिकानों में ही रखा गया है। बर्फबारी के बाद इन पुलिस कर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई है। इस लेकर पुलिस विभाग के अफसर भी चिंतित नज़र आ रहे हैं।
बर्फबारी से फसलों को नुकसान
राज्य में भारी बारिश के बीच ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई है। सीमांत जनपद चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा आदि में बेमौसमी बर्फबारी ने मुश्किलें बढ़ा दी है। इससे जहां कुछ फसलों के लिए अच्छा माना जा रहा है, वहीं फल, सब्जी, फूल और कोंपल वाली फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। इसके अलावा कई मोटर मार्ग भी बर्फबारी से बंद हो गए हैं।