मुख्यमंत्री ने किया ट्रैफिक आई एप लांच, बोले नियम तोड़ने वालों को न बख्शें

पुलिस लाइन में ई चालान मशीन का शुभारंभ करते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत।

-पुलिस लाइन में ई-चालान मशीन का किया शुभारंभ,  ट्रैफिक पुलिस को मिलेंगे 20 नए वाहन

-तीन बार चालान काटने के बाद लाइसेंस किया जाएगा निरस्त,13 ज़िलों में व्यवस्था लागू

-ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने रकार्यक्रम में खी निदेशालय की उपलब्धि

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वाला कितना बड़ाक्यों न हो कतई भी बख्शा न जाय। इस दौरान सीएम ने सभी से कहा कि ट्रैफिक नियमों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है। पुलिस चालान और जुर्माना लगाने से नियमों का पालन जरूर करा सकती, लेकिन ड्राइविंग में अनुशासन से ही दुर्घटनाएं रोकी जा सकती है।

पुलिस लाइन देहरादून में शनिवार को ट्रैफिक निदेशालय ने ई-चालान मशीनों का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। सीएम ने मशीन से पहला ई चालान काटा। कहा कि इस व्यवस्था से ट्रैफिक में बेहतर सुधार होगा। इसके अलावा ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई के लिए उत्तराखंड  ट्रैफिक आई एप भी लांच किया। इस एप में आम नागरिक भी नियम तोड़ने वाले की फोटो अपलोड कर पुलिस को जानकारी दे सकते है। इससे ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों में कमी आएगी। उन्हाेंने राजधानी में ट्रैफिक पुलिस को बीस नए वाहन उपलब्ध कराने की घोषणा की। इससे पहले मुख्यमंत्री के समक्ष ई-चालान के लिए यातायात निदेशक केवल खुराना और एसबीआई के डीजीएम बीएल सैनी ने एमओयू पर साइन किए। ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने कहा कि ई चालान मशीन से ट्रैफिक में सुधार और वाहन चालकों को जुर्माना जमा करने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस मशीन से अब पता चलेगा की किस चालक का कितनी बार चालान काटा गया है। तीन बार चालान होने पर ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि पुलिस पर विषम परिस्थितियों में भी जनता की सुरक्षा करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। ट्रैफिक व्यवस्था भी पुलिस ने अपनी प्राथमिकता में रखी है। यही कारण है कि ट्रैफिक सुधार को लेकर भी समय समय पर काम हो रहे हैं। डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने राज्य में ट्रैफिक सुधार को किये गए कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान विधायक धर्मपुर विनोद चमोली, कैन्ट हरवंश कपूर, 20 सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, आईजी कार्मिक पुष्पक ज्योति, आईजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान, आईजी गढ़वाल अजय रौतेला, डीआईजी अरुण मोहन जोशी, एसपी सिटी श्वेता चौबे, आदि मौजूद रहे।

जरूरत 2900 की और मौजूद सिर्फ 594  पुलिसकर्मी

ट्रैफिक सुधार के लिये प्रदेश में मानकों में 2900 ट्रैफिक पुलिसकर्मी होने चाहिए, लेकिन वर्तमान में 13 ज़िलों में सिर्फ 594 ही हैं। ऐसे राज्य में ट्रैफिक व्यवस्था दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। वाहनों की संख्या भी 25 लाख पार कर गई। उल्लंघन पर 2019 में 14 लाख वाहनाें के चालान किए गए।

दुर्घटनाओं में आई कमी

राज्य में ट्रैफिक निदेशालय के गठन के बाद न केवल ट्रैफिक सुधरा बल्कि दुर्घटनाओं में 15 फीसद की कमी आई है। पिछले साल ट्रैफिक नियम तोड़ने पर 43 हजार चालान डीएल नहीं होने पर किए गए। इससे राज्य में हादसाें में 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है।

ये है आई एप की खासियत

यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि ई-चालान व्यवस्था में लोग अब डेबिट कार्ड से मौके पर ही जुर्माना भर सकते हैं। प्रदेश भर में करीब 400 कर्मचारियों को पहले ही ई-चालान मशीन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा कसने को जनता का सहयोग जरूरी है। इसी लिहाज से उत्तराखंड ट्रैफि क आई एप लांच किया गया है। इस एप पर 10 सेकेंड का वीडियो अपलोड किया जा सकता है। यह वीडियो अपलोड से दो घंटे पहले तक का होना चाहिए। वीडियो के आधार पर पुलिस संबंधित वाहन चालक के घर पर चालान भेजेगी।

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