आबकारी विभाग में छह डीईओ समेत 14 अधिकारियों का तबादला

-सरकार के आदेश को चुनोती देने वाले देहरादून का डीईओ भी हटाया

-जनपद का मोह छोड़ने से बच रहे कई चर्चित अधिकारी भी आये तबादले की जद में

-नई दुकानें आवंटित होने से पहले सरकार ने डीईओ को धीरे से दिया जोर का झटका

देहरादून। सरकार ने नई आबकारी नीति पर मुहर लगाने के बाद जिलों का मोह त्यागने से बच रहे विवादित और चर्चित ज़िला आबकारी अधिकारियों को हटा दिया है। मार्च फाइनल से पहले सरकार ने इन अधिकारियों को धीरे से जोर का झटका दिया है। तबादले की जद में आये 14 सीनियर और जूनियर अधिकारियों को इधर से उधर किया है। देहरादून में सरकार के आदेश को चुनोती देकर दोबारा कुर्सी हासिल करने वाले डीईओ मनोज उपाध्याय को भी हटा दिया है।

राज्य में लंबे समय से आबकारी विभाग में बड़े स्तर पर तबादले की सुगबुगाहट चल रही थी। लेकिन जिला छोड़ने से राजी न होने पर कुछ जिला आबकारी अधिकारी तबादले की चर्चाओं पर विराम लगाने में कामयाब हो रहे थे। इस बीच सरकार ने तस्करी रोकने और गुणवत्ता बनाये रखने को शराब की नई नीति पर मुहर लगा दी। इसके बाद कई डीईओ ( डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर ) अपनी कुर्सी बचाने में जुट गए थे। लेकिन शुक्रवार को शासन ने तबादला आदेश जारी कर इन अधिकारियों के अरमानों पर पानी फेर दिया। तबादला आदेश में लंबे समय से साइड पोस्टिंग पाए कई काबिल अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूत्रों का कहना है कि ज़िलों में ओवर रेटिंग रोकने में बिफल और राजस्व लक्ष्य पूरा न कर पाने वाले डीईओ पर तबादले की कार्रवाई की गई।

ये डीईओ हटाए गए

देहरादून के डीईओ मनोज उपाध्याय, तपन कुमार पांडेय पौड़ी गढ़वाल,  अशोक कुमार मिश्रा हरिद्वार, आलोक शाह, राजेंद्र लाल, रेखा जुयाल टिहरी से हटाए गए। इनमें से अच्छे कार्य करने पर कुछ डीईओ को पुनः जनपद की कमान सौंपी गई है।

ये बने नए डीईओ

पवन कुमार सिंह टिहरी, रमेशचंद्र बंगवाल देहरादून, चंपावत में तपन पांडेय,  हरिद्वार में ओमकार सिंह, कैलाश बिंजोला उधमसिंहनगर, अशोक मिश्रा को बागेश्वर,राजेन्द्र  लाल को पौड़ी गढ़वाल की जिम्मेेदारी सौंपी गई।

मनोज उपाध्याय को नहीं मिला जिला

हटाये गए छह डीईओ में से सिर्फ मनोज उपाध्याय को जिला नहीं मिला है। उनको मंडलीय प्रवर्तन नैनीताल भेजा गया है। उन पर देहरादून में कुछ आरोप लगे थे, जिस पर सरकार ने सस्पेंड कर दिया था। मगर वह सरकार के आदेश के खिलाफ कोर्ट चले गए थे , इसके बाद सरकार ने उन्हें दोबारा डीईओ बनाया था।

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