जन सुनवाई में अफसरों की फौज, उपभोक्ता नदारद
चंपावत में जन सुनवाई के दौरान अपनी बात रखते उपभोक्ता।
-बिजली की नई दरों को लागू करने से पहले यूईआरसी ने रखी थी जनसुनवाई
-यूपीसीएल के अफसर उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा पाए अपनी बात
-नगर पालिका अध्यक्ष समेत कुल छह लोग शामिल हुए जनसुनवाई में
हल्द्वानी/चंपावत।उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की ओर से बिजली की नई दरें लागू करने से पहले चंपावत समेत राज्यभर में जन सुनवाई रखी गई है। चंपावत ज़िला मुख्यालय में बुधवार को उपभोक्ताओं के लिए जन सुनवाई रखी गई। लेकिन यूपीसीएल के अधिकारियों की लापरवाही से जन सुनवाई में उपभोक्ता अपेक्षा अनुरूप शामिल नहीं हो पाए। स्थिति यह रही कि देहरादून से अफसरों की लंबी फौज चंपावत पहुंची थी, मगर उपभोक्ताओं के नाम पर सिर्फ छह लोग शामिल हो पाए। इनमें भी नगर पालिका अध्यक्ष ने विभाग की लाज बचा दी। अन्यथा जन सुनवाई में कोई भी नहीं आता। इधर, जन सुनवाई में उपभोक्ताओं के न पहुंचने पर आयोग से लेकर यूपीसीएल मुख्यालय से पहुंचे अधिकारियों ने यूपीसीएल के स्थानीय अधिकारियों के सामने कड़ी नाराजगी जाहिर की। कहा कि जनता से संवाद रखा जाए, ताकि ऐसे कार्यक्रमों का लाभ जनता को मिल सके।
वन पंचायत सभागार में आयोजित जन सुनवाई सुबह 10 बजे से शुरू होनी थी। लेकिन एक घंटा इंतजार करने के बाद भी कोई उपभोक्ता नहीं पहुंचा। इसके बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के अधिकारी पहुंचे तो यूपीसीएल ने आनन फानन में अपने स्टाफ को बुलाते हुए भीड़ इकट्ठा की। करीब साढ़े 11 बजे से जन सुनवाई की कार्रवाई शुरू हो पाई। इस बीच नगर पालिका अध्यक्ष विजय वर्मा तीन अन्य लोगों के साथ पहुंचे। उन्होंने राज्य में बिजली की दरें बढ़ाने पर अपनी आपत्ति रखी। साथ ही स्टाफ समेत बिजली विभाग की कई लापरवाही भी उच्चाधिकारियों को बताई। इस बीच रास्ते से जा रहे एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय ने कहा कि भीड़ देखने पर वह यहां पहुंचे है। यदि लोगों को समय पर जानकारी दी जाती तो उपभोक्ता निशिचत ही शामिल होते। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में बिजली पैदा करने वाले उत्तराखंड में उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली दी जा रही है। एडवोकेट निर्मल तड़ागी ने आवासीय मकानों के निर्माण के दौरान बिजली पोलों को स्थानांतरित करने में हो रही परेशानी की शिकायत रखी। सपा जिलाध्यक्ष ललित मोहन भट्ट ने दिल्ली सरकार की तर्ज पर बिजली सस्ती करने की मांग उठाई। व्यापार संघ अध्यक्ष अमरनाथ सक्टा, सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र गहतोड़ी आदि ने उपभोक्ताओं के हित में बिजली दरों में कमी लाने की मांग की। साथ ही दिल्ली की तर्ज पर उपभोक्ताओं को बिजली के छूट दिए जाने की मांग की। इससे पहले सचिव नीरज सती ने बिजली टैरिफ को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी। जन सुनवाई में नियामक आयोग के तकनीकी सदस्य एमके जैन ने उपभोक्ताओं की बात सुनने के बाद कहा कि उनके सुझावों पर अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी राज्य के दूसरे शहरों में जन सुनवाई होनी है, इसके बाद मार्च में नई बिजली दरें लागू की जाएगी। इस मौके पर आयोग के निदेशक प्रभात कुमार डिमरी, यूपीसीएल के चीफ इंजीनियर डीएस धर्मशक्तू, दीपक कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।